छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 2018 के चुनाव परिणामों से 8 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। सर्वेक्षण से पता चलता है कि कांग्रेस को भी अपने वोट शेयर में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलेगी, लेकिन भाजपा को सीटें गंवानी पड़ेंगी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस दोनों को अन्य पार्टियों की कीमत पर वोट शेयर हासिल होने की संभावना है।
2018 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी, 90 सीटों वाली विधानसभा में से 68 सीटें हासिल की, जो उस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव था जो 15 वर्षों से विपक्ष में थी। जहां कांग्रेस पार्टी को 43 फीसदी वोट मिले, वहीं बीजेपी को कुल वोटों में से 33 फीसदी वोट मिले थे।
जबकि मायावती की बहुजन समाज पार्टी समेत अन्य पार्टियां 24 फीसदी वोट शेयर हासिल करने में कामयाब रही थीं। कांग्रेस और भाजपा के बीच 10 प्रतिशत के अंतर के परिणामस्वरूप सबसे पुरानी पार्टी की जीत हुई, जबकि भगवा पार्टी को केवल 15 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली।
इंडिया टुडे-सीवोटर सर्वेक्षण से पता चलता है कि भाजपा के 5 प्रतिशत के अंतर को कम करने की संभावना है, लेकिन इसके बावजूद, कांग्रेस पार्टी आराम से 46 के बहुमत के आंकड़े को पार कर जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को 51 सीटें और भाजपा को 38 सीटें मिलने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ में साल के अंत में होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपना प्रचार अभियान तेज कर दिया है।
राहुल गांधी ने संभाला मोर्चा
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में नाराज गुट को मनाने के लिए हाल ही में टीएस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाया था। प्रदेश अध्यक्ष का चेहरा भी बदला। वहीं खुद राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रचार में जुटे हुए हैं। राहुल गांधी बीते दिनों छत्तीसगढ़ में थे, जहां उन्होंने बिलासपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास न्याय योजना के शुभारंभ के दौरान सभा को संबोधित किया।
इस दौरान कांग्रेस नेता ने बिलासपुर जिले के लिए 669.69 करोड़ रुपये की 414 विकास और निर्माण परियोजनाओं की भी शुरुआत की। बाद में राहुल गांधी ने बिलासपुर जिले से राजधानी रायपुर तक ट्रेन से यात्रा की और ट्रेन में यात्रियों से बातचीत भी की थी।