कोरबा: देश की आत्मा गांवों में बसा करती है। इस इरादे से भारत सरकार ग्रामीण आबादी को शुद्ध और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए नल-जल योजना पर काम कर रही है। भारत सरकार के द्वारा आकांक्षी जिला घोषित कोरबा के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित नल-जल योजना पर कई करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं।
लेकिन कई क्षेत्रों में निगरानी की कमी और घोर लापरवाही बरते जाने के कारण यह योजना अंतिम सांस गिन रही है। जगह-जगह कई प्रकार की टूटफूट के साथ-साथ अन्य शिकायतें सामने आ रही है। पीएचई के ईई अनिल कुमार को लेकर कहा जा रहा है कि वे योजना पर पलीता लगा रहे हैं। उनके नीचे काम करने वाले एसडीओ और इंजीनियर अपने हिसाब से काम कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मेहरबानी जो मिली हुई है।
कोरबा जिले में विकास से जुड़ी अन्य परियोजनाओं के मामले में कई प्रकार के दावे किये जा रहे हैं और अच्छे परिणाम लाने पर भी पूरा जोर है। इसके अंतर्गत कहा गया है कि मैदानी अमला सतत मानिटरिंग करें, ताकि गुणवत्तापरक कार्य हो और जनता को लंबे समय तक इसका फायदा मिले।
इसके उल्टे कोरबा जिले के पाली ब्लाक के पहाड़ गांव, पहाड़ जमड़ी, राईकछार, नगोई भांठा जेमरा, रतखंडी, आदि क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की गति काफी दोयम दर्जे की बन गई है। जेमरा में प्लेटफार्म बनते ही टूट रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत जेमरा में एसडीओ श्रीमती दुर्गेश्वरी मिश्रा ने जब निर्माण कार्य का अवलोकन किया तो प्लेटफार्म टूट गया। इसे लेकर ठेकेदार अनिल अग्रवाल को फटकार लगाई गई। कहा गया कि सभी कार्य गुणवत्तापरक बनाएं, लेकिन ठेकेदार की मनमानी नहीं रूकी और क्षेत्र दुर्गे के दर्जनों गांव में बन रहे नल-जल योजना के कार्यों में निर्धारित मापदंड को दरकिनार कर दिया गया ।
ठेकेदार धमका रहा लोगों को
जेमरा के ग्रामीणों ने बताया कि निर्धारित मापदंड के विपरीत गुणवत्ताहीन काम को ठीक से करने की गुजारिश करने पर ठेकेदार अनिल अग्रवाल द्वारा धौंस जमाते हुए कहता है कि जितनी राशि आयी है, उसके हिसाब से काम किया जाएगा, तुम्हारे हिसाब से नहीं। विरोध करने पर ठेकेदार द्वारा धमकाया जाता है। ग्रामीण मनोहर कोर्राम, जगदीश सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार हमारी एक नहीं सुनता। पूरे क्षेत्र में गुणवत्ताहीन कार्य हो रहा है और शायद केन्द्र सरकार की इस योजना का लाभ कुछ ही दिनों तक क्षेत्र को मिलेगा, उसके बाद हमारी समस्या जस की तस हो जाएगी।
नियम शर्तों का उल्लंघन
पाली क्षेत्र के इन ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा करने पर देखने को मिला कि ठेकेदार द्वारा सड़क से लगे सभी झोपड़ीनुमा घरों के बाहर नल लगाया जा रहा है। बामुश्किल दो से छह मीटर पाईप बिछायी जा रही है। ग्रामीणों ने आंगन तक पाईप ले जाने की गुहार लगाई लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जबकि नियम एवं शर्तों में सड़क से 15 मीटर तक पाईप लाईन बिछाने का है, लेकिन ठेकेदार मनमानी पर उतर आया है। रतखंडी निवासी ओमप्रकाश उरखेरा ने बताया कि ठेकेदार के आदमी द्वारा आंगन तक पाईप लाईन ले जाने के लिए अतिरिक्त पाईप के लिए पैसे की मांग की जाती है।
घरों में नही पहुंच रहा पानी
दावा किया जा रहा है कि निर्धारित पैरामीटर के अनुसार नल जल योजना से संबंधित कामकाज नहीं किया गया है, इसलिए निर्माण से पहले ही योजना की वास्तविकता सामने आ गई है। गांव में बनी सीसी रोड को तोड़कर पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। खास बात यह है कि 1 इंच खोदकर पाइपलाइन को आड़े तिरछे बिछा देने से कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही हैं। जिसके कारण हितग्राहियों तक टेस्टिंग की प्रक्रिया में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। जेमरा सरपंच भंवर सिंह उइके के द्वारा इस मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की गई है और उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।