गरियाबंद: जिला गरियाबंद के ग्राम हांथबाये के पास एक पेड़ पे लटका मिला सरकारी गाड़ी का नंबर प्लेट। जिसका नंबर CG 02 F 0053 है। आपको बता दे की इस प्रकार से सरकारी गाड़ी के नंबर को फेक देना एक प्रकार से सही नहीं लगता अब सही इस लिए नहीं लगता क्योंकि इस सरकारी गाड़ी का नम्बर कोई भी अपने गाड़ी के लगा कर गलत इस्तेमाल कर सकता है।
जब इस मामले पर रेजर साहब को पूछा गया तो उनका जवाब था की यह तो हमारा नंबर है, नंबर तो कोई भी बना सकता है, गाड़ी में मेरा अभी भी नंबर प्लेट टूटा हुआ है। मैं तो चिपका के चला रहा हु। वहां पर नंबर प्लेट कौन छोड़ा है यह मैं थोडिना जान रहा हु। ऐसा उनका कहना है।
सवाल यह है?
जिस प्रकार से उन्होंने कहा है इस से तो यह लगता है की वे उस क्षेत्र का दौरा ही नहीं करते होंगे, अगर दौरा करते है तो वे सिर्फ नाम का ही दौरा करते होंगे क्योंकि इस से पहले हमने इसी जंगल को लेकर एक खबर चलाया था, जहां 10 से 12 दर्जन डेरा भेड़ अवैध चराई कर जंगल को तबाह कर रहे है, जिसपर उन्होंने यह कह कर बात घुमा दिया था की मेरे यहां एक महीने से जंगल में ऐसा कोई अवैध चराई नहीं हो रहा है, हम तो दौरा कर रहे है ऐसा रेंजर साहब ने कहा था। सवाल यह है की रेंजर साहब उस क्षेत्र का दौर कर रहे है तो उनको एक महिने से जो अवैध चराई चल रहा था, वो क्यूं नहीं दिखा, उनके गाड़ी का नंबर प्लेट पेड़ पर टंगा है यह क्यूं नहीं दिखा?
उनके क्षेत्र में यह सब हो रहा है और उनको पता भी नही चलता है। इन सब से तो यह लगता है, की गरियाबंद जिले का वन विभाग अपने कर्तव्यों को नजर अंदाज कर जंगल को तबाह करने में अपना हांथ जुटा रही है?
वन विभाग बरत रही है लापरवाही?
यह हम इस लिए कह रहे है क्योंकि नंबर प्लेट जो मिला वो हांथबाय के पास वाले जंगल में मिला और यह नंबर प्लेट भी वहां के रेंजर साहब का है, अवैध चराई भी उसी जंगल में हो रहा था। जहां नंबर प्लेट मिला और जब उनसे पूछा जाता है तो उनका कहना होता है की हमारे यहां पिछले एक महीने से किसी प्रकार का अवैध चराई नहीं हो रहा है। इस से साफ पता चल रहा है की वन विभाग किस प्रकार जंगल की देख-रेख व सुरक्षा में लापरवाही बरत रही है।