गरियाबंद: जिले में पदस्थापना के बाद कलेक्टर श्री दीपक कुमार अग्रवाल ने आज समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी का निरीक्षण करने धान खरीदी केन्द्र मरौदा पहुंचे। केन्द्र में जारी धान खरीदी की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए मौके पर मौजूद अधिकारी-कर्मचारियों से किसानों से सुचारू तरीके से धान खरीदी की सुविधाओं का भी मूल्याकंन किया।
धान खरीदी केन्द्र में उन्होंने नमी मापक यंत्र से धान का नमी मापकर देखा, साथ ही धान की बोरियों में भी हाथ लगाकर नमी आदि की जांच की, साथ ही अपने सामने ही धान तौलाई का अवलोकन किया। कलेक्टर ने मौके पर तौलाई में गड़बड़ी, धान में नमी एवं समिति में सुचारू व्यवस्था नहीं होने पर मौके पर अधिकारी-कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सहित समिति प्रबंधक, एवं सुपरवाईजर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने कहा कि किसानों से धान खरीदी पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लापरवाही पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने धान बेचने में किसानों को किसी भी परेशानी न हो, यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री अविनाश भोई, जिला खाद्य अधिकारी श्री सुधीरचन्द्र गुरु, डीएमओ श्री अमित चन्द्राकर सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर अग्रवाल ने गरियाबंद तहसील के ग्राम मरोदा के धान उपार्जन केंद्र पहुंचकर खरीदी केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने धान खरीदी केन्द्र में धान आवक रजिस्टर पंजी, इलेक्ट्रॉनिक तराजू, किसानों के ऋण पुस्तिका की जानकारी, आर्द्रतामापी यंत्र, पुराने, नये बारदाने, धान के परिवहन की जानकारी सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने उपार्जन केन्द्रों में धान बेचने आये किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें धान बेचने की व्यवस्थाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।
कलेक्टर ने धान खरीदी केन्द्र में स्वयं ही बोरो में रखे धान के नमी स्तर आर्द्रतामापी यंत्र से जांचा और भरे हुए धान बोरों के वजन दोबारा कराया। इस पर तौल में सही वजन नहीं मिलने पर नाराजगी जताई। उन्होंने समिति के कर्मचारियों को किसानों के धान निर्धारित मात्रा में तौलने के निर्देश देते हुए कहा कि धान तौलने, भरने, स्टेकिंग करने में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
प्रतिदिन धान खरीदी होने के उपरांत उसे सिलाई कर स्टेकिंग कराये। जहां कहीं अनियमितता है, उसे सुधार करे। उन्होंने संबंधित अधिकारी को स्टॉक वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिये। साथ ही जिले के धान खरीदी केन्द्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों, मजदूरों के लिए परिचय पत्र बनाये।