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Chhattisgarh: जब जुड़वा नवजात बच्चों का इस अस्पताल में हुआ सौदा, पढिये पूरी खबर…

जशपुर: एक 45 वर्षीय विधवा बीते कई दिनों से न्याय के लिए 3 जिलों के थानों का चक्कर काट रही है लेकिन उसे न्याय मिलने की बात तो दूर कोई उसकी फरियाद तक सुनने को तैयार नहीं है। पीड़िता का आरोप है कि पत्थल गाँव थाना क्षेत्र के बेलडेगी पंचायत के घीचा पारा निवासी कैलाश पैंकरा पिता सुदर्शन उसे अपने प्रेम जाल में फँसाकर पहले सम्बन्ध बनाया और जब वह प्रेग्नेंट हो गयी तो उसे डिलेवरी के लिए अम्बिकापुर के किसी शिशु अस्पताल में ले जाकर उसका प्रसव कराया।

पीड़िता ने यहाँ जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। बच्चो के जन्म लेने के बाद आरोपी कैलाश ने दोनो जुड़वा बच्चों का कहीं सौदा किया और दोनो बच्चों को बेच दिया। पीड़िता अस्पताल में जबतक भर्ती रही तबतक आरोपी उसे यह कहता रहा कि दोनों बच्चे कमजोर है और उनका ईलाज इसी अस्पताल के आईसीयू में चल रहा है।

बाद में जब पीड़िता अस्पताल से बाहर आयी और आरोपी से अपने नवजात बच्चों के बारे में पूछने लगी तो आरोपी ने कई तरह के बहाने बनाने शुरू कर दिए। पीड़िता अपने गाँव लौट आयी और उसने जब गाव के लोगो को पूरी बात बताई तो 17 जुन को गाँव मे एक बैठक बुलायी गयी ।बैठक में पूरी बात रखी गयी लेकिन बैठक में मौजूद लोगों को सिर्फ यह पता चल पाया कि पीड़िता के नवजात बच्चों को आरोपी ने कहीं बेच दिया है लेकिन यह पता नहीं चला कि आरोपी ने बच्चों को किसको बेचा है? बैठक के बाद एक कागज तैयार किया गया और कागज में संक्षेप में घटनाक्रम का उल्लेख करते हए बैठक में मौजूद लोगो ने दस्तखत भी किये। 

इस सम्बंध में पीड़ित ने जो बताया वो हैरान कर देने वाली कहानी है।उसने बताया कि जब वह 6 माह की गर्भवती हई तो आरोपी उसे रायगढ़ ले गया ।वहाँ उसकी देख रेख के लिए आरोपी की पत्नि भी आ गयी। लगभग ढाई महीने तक आरोपी पीड़िता और आरोपी की पत्नि रायगढ़ में एक साथ रहे । डिलेवरी डेट के 15 दिन पहले आरोपी पीड़िता को पत्थलगांव लेकर आ गया और जब उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसे पत्नि और घर की अन्य महिला रिश्तेदारो के साथ उसे प्रसव के लिए अम्बिकापुर शिशु अस्पताल ले गए।

वहाँ उसका प्रसव भी हो गया और उसने जुड़वा(लड़का)बच्चो को जन्म दे दिया लेकिन अगले ही दिन दोनो बच्चो को पीड़िता से दूर कर दिया गया। आरोपी ने पीड़िता को बताया कि दोनों बच्चे कुपोषित हैं और दोनो का ईलाज अस्पताल के ऊपर मंजिल में चल रहा हैं। पीड़िता आरोपी की बात पर यकीं कर ली और कुछ दिनों तक अस्पताल में ईलाज करवाती रही ।कुछ दिन बाद आरोपी पीड़िता को यह बोलकर उसके घर भेज दिया कि बच्चों का अभी भी ईलाज चल रहा है जब बच्चे ठीक हो जाएंगे तो वह उसे लेकर घर आ जाएगा।पीड़िता घर आ गयी लेकिन कई दिनों तक न तो आरोपी उसके घर आया न उसके नवजात बच्चे।

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