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झारखण्ड : CM Hemant ने 11406 युवाओं को दिये नियुक्ति पत्र

रांची : हाथों में ऑफर लेटर और चेहरे पर चमक. मौका था निजी क्षेत्र के अंतर्गत नियोजन और नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का. आखिर हो भी क्यों ना. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant) के सार्थक प्रयासों से इनके अरमान जो पूरे हो रहे थे. सपनों को नई उड़ान मिल रही थी. खास तौर पर मुख्यमंत्री ने जब 11406 चयनित उम्मीदवारों में कुछ युवाओं को सांकेतिक रूप से निजी क्षेत्र में नियुक्ति के लिए ऑफर लेटर सौंपा तो इनकी खुशियां देखते ही बन रही थी. मुख्यमंत्री ने कहा- यह तो शुरुआत है. चाहे सरकारी हो या निजी क्षेत्र. नियुक्तियों का सिलसिला अनवरत जारी रहेगा.

मुख्यमंत्री ने आज ऑफर लेटर प्राप्त करने वालों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यहां के युवक- युवतियां काफी होनहार है. उनमें हुनर की कोई कमी नहीं है. अब सरकार उनका कौशल विकास कर रोजगार उपलब्ध करा रही है. यहां आपको जो अवसर मिला है, उसे अंतिम नहीं समझें. जीवन में और भी कई अवसर मिलेंगे.

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आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमने दरवाजा खोल दिया है. मुख्यमंत्री ने ऑफर लेटर प्राप्त करने वाले युवक युवतियों से कहा कि जीवन में आगे बढ़ने की सकारात्मक सोच रखें. सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करें. इस तैयारी में होने वाला खर्च सरकार वाहन करेगी. इस बाबत सरकार के द्वारा नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के नौजवानों के कौशल विकास के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसके अलावा उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है , ताकि उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके और वे सभी बेहतर जीवन यापन कर सकें. उन्होंने कहा कि रोजगार की खातिर राज्य के से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन होता है. यह पलायन कैसे रूके. इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं.

इस दिशा में राज्य में रोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें अपने ही घर- गांव में काम मिल सके. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि काम के सिलसिले में विदेश में जाकर यहां के कई नौजवान बंधक बन जाते हैं. उन्हें ना सिर्फ सकुशल रिहा कर वापस लाया जा रहा है, बल्कि उनके बकाए का भुगतान भी सुनिश्चित किया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद झारखंड में नियुक्ति नियमावली कभी बनी ही नहीं. ऐसे में कैसे बहाली होती, यह हम सहज ही समझ सकते हैं. हमारी सरकार ने ना सिर्फ नियुक्ति नियमावली ही बनाई, बल्कि खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

जेपीएससी और जेएसएससी के माध्यमों से नियुक्तियों का सिलसिला लगातार जारी है. साथ ही कहा कि जेपीएससी की प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता बरती जा रही है. इसी का नतीजा है सातवीं से दसवीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा में 30 से ज्यादा बीपीएल परिवार के बच्चे सफल हुए हैं और वे राज्य के अलग-अलग प्रखंडों, अनुमंडल और जिलों में बीडीओ सीओ और डीएसपी समेत अन्य पदों पर तैनात होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी की परीक्षाओं में ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को अवसर मिले. इसके लिए हमारी सरकार ने आवेदन शुल्क को कम कर दिया है. सामान्य श्रेणी के परीक्षा शुल्क सौ रुपए है जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों को मात्र 50 रुपए परीक्षा शुल्क देना पड़ रहा है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी की सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा में पहले की परीक्षाओं की तुलना में चार गुना ज्यादा अभ्यर्थी थे, लेकिन हमने चार गुना कम समय में रिजल्ट प्रकाशित कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. मात्र 251 दिनों में जेपीएससी परीक्षा की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई. वहीं फाइनल रिजल्ट जारी होने के 38 दिनों के अंदर उन्हें नियुक्ति पत्र भी प्रदान कर दिया गया. जबकि, पहले की जेपीएससी परीक्षाओं में तीन-चार वर्षों से ज्यादा लग जाते हैं.

वहीं, राज्य में 32 वर्षों के बाद कृषि पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई है. इसके अलावा अन्य विभागों में भी नियुक्तियां लगातार हो रही हैं. राज्य में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. लेकिन, उन्हें कभी प्रोत्साहन नहीं मिला. प्लेटफार्म नहीं मिलने से इनकी प्रतिभा निखर कर सामने नहीं आ रही थी. लेकिन, हमारी सरकार में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं.

पहली बार राज्य में खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति हुई है. खिलाड़ियों को आर्थिक सहयोग किया जा रहा है. इसी का नतीजा है कि आज झारखंड के बच्चे,- बच्चियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने खेल से राज्य और देश का नाम रोशन कर रही हैं.

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सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाई है. इसके तहत सभी बुजुर्गों, विधवाओं, परित्यक्ता, दिव्यांग और एकल महिलाओं को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है. वही 15 लाख अतिरिक्त राशन कार्ड जारी किए गए हैं. सोना-सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीबों को साल में दो बार 10 रुपए में धोती -साड़ी उपलब्ध कराया जा रहा है. मजदूरों की आय बढ़े, इसके लिए मनरेगा मजदूरी दर में 27 रुपए प्रति कार्य दिवस की बढ़ोतरी की गई है. गरीबों को 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने का सरकार ने निर्णय लिया है. सरकारी कर्मियों के लिए फिर से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. इसके अलावा कई योजनाएं हैं जो गरीब और जरूरतमंदों के साथ सभी तबके के लोगों के विकास के लिए चलाई जा रही हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है. सभी जिलों में अगले सेशन से मॉडल स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी. स्कूलों में निजी विद्यालयों की तरह सभी सुविधाएं मौजूद होगी. हमारा प्रयास है कि निजी विद्यालयों से भी बेहतर सरकारी विद्यालयों को बनाएं. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के साथ अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों को भी विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के मेहनतकश लोग राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे रहे हैं. लेकिन, प्रचुर खनिज संसाधन होने के बाद भी हमारा राज्य पिछड़ा है. व्यवस्था में खामियां और राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता का अभाव इसकी सबसे बड़ी वजह है. हमारी सरकार आप सभी के सहयोग से राज्य को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करेंगे. अब यह राज्य रुकेगा नहीं और निश्चित तौर पर तेज़ी से आगे बढ़ेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ज्यादा से ज्यादा नौजवानों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस कड़ी में राज्य में संचालित निजी क्षेत्र की कंपनियों और प्रतिष्ठानों में होने वाली नियुक्तियों में 75 प्रतिशत पद स्थानीय नौजवानों के लिए आरक्षित करने संबंधी नियमावली पर मुहर लग गई है. अब इसे धरातल पर उतारा जाएगा. निजी कंपनियों के नियोक्ताओं को इसे सुनिश्चित करना होगा.

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इस अवसर पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विशेष फोकस युवाओं के उत्थान और रोजगार पर है. इसी कड़ी में आज इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिल रहा है. हमारी सरकार जनता के बीच जाकर जनता की समस्याओं का समाधान कर रही है. वहीं श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि राज्य के युवाओं के कौशल विकास के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. उन्हें प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाई जा रहा है. दा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिले, इस दिशा में मुख्यमंत्री पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं.

समारोह में सांसद विजय हांसदा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक इरफान अंसारी, राजेश कश्यप और शिल्पी नेहा तिर्की, प्रभारी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम विभाग के सचिव प्रवीण कुमार टोप्पो सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे.

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