रायपुर: कस्टम मीलिंग घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए खाद्य विभाग के पूर्व विशेष सचिव और मार्कफेड एमडी मनोज सोनी को हिरासत में ले लिया है। बताते हैं, मनोज सोनी 175 करोड़ के कस्टम मीलिंग घोटाले में बयान देने ईओडब्लू पहुंचे थे।
पूछताछ के दौरान ही ईडी की टीम अचानक पहुंची और मनोज सोनी को गाड़ी में बिठाकर लेकर चली गई। बता दें कि मनोज सोनी के खिलाफ ईओडब्लू में भी केस दर्ज है। सोनी के ठिकानों पर ईडी का दो बार छापा भी पड़ चुका है। इसी कस्टम मीलिंग घोटाले में ईओडब्लू ने भी मुकदमा दायर किया है। इसमें मनोज सोनी, रोशन चंद्राकर समेत कई अफसरों, कांग्रेस नेताओं और राईस मिलरों के नाम हैं।
धान की कस्टम मिलिंग में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। बीजेपी के अनुसार इसके सूत्रधार मार्कफेड के तत्कालीन अफसर मनोज सोनी हैं। इस मामले की ईडी जांच में पाया गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया।
धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने तीन गुनी बढ़ा दी। 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया। आरोप है कि अफसरों ने आधी रकम मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर वसूल ली। घोटाले की शर्तों के तहत नकद राशि का भुगतान करने वालों का विवरण जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया।
उनके माध्यम से ब्यौरा मार्कफेड एमडी तक पहुंचा। एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया। विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई। ईडी ने तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 1 करोड़ की बेहिसाब नकद राशि जब्त की है।