Earthquake : म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में तीसरे दिन भी इमारतों के मलबे से कई शव निकल रहे हैं। मृतकों की संख्या 1,644 पहुंच गई है। उधर, देशभर में फोन, बिजली व इंटरनेट बंद होने से सूचनाएं भी रुक गई हैं।वहीँ मिली जानकरी के अनुसार, अभी मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। सेना के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा, भूकंप में 2,376 लोग घायल हैं। 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
शुक्रवार को आए भूकंप के चलते कई इमारतें ढहने से व्यापक क्षति हुई है। म्यांमार लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध की चपेट में है, और वहां पहले से ही एक बड़ा मानवीय संकट बना हुआ है। ऐसे में राहत-बचाव कार्यों में काफी मुश्किल हो रही है।
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म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और इसने राजधानी बैंकॉक समेत देश के अन्य क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया। हालात यह हैं कि अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है और सड़कों पर अस्थाई तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं, इलाज सामग्री व दवाओं की भी काफी कमी हो गई है।
म्यांमार में सड़कों पर ही पलंग डालकर अस्पताल बनाए गए हैं। सरकार ने कहा, भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में खून की मांग सर्वाधिक है। कई जगहों से राहत सामग्री आ रही है लेकिन घायलों को संभालने के प्रयास हो रहे हैं।
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7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद म्यांमार में शनिवार शाम तक कम से कम पांच झटके महसूस किए गए। इसमें सबसे तेज झटका 6.4 तीव्रता का था। लगातार आ रहे झटकों से लोगों में दहशत है। म्यांमार सागाइंग फॉल्ट पर स्थित है, जो इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है, जिस वजह से यहां भूकंप का खतरा बना रहता है।
बैंकॉक के अधिकारियों ने बताया कि थाईलैंड में भूकंप के कारण अब तक 10 लोग मृत पाए गए हैं, 26 लोग घायल हैं और 47 अब भी लापता हैं। राजधानी के लोकप्रिय चतुचक बाजार के निकट एक निर्माण स्थल पर काफी तबाही हुई है। भूकंप आने पर, थाईलैंड की सरकार के लिए एक चीनी कंपनी द्वारा बनाई जा रही 33 मंजिला ऊंची इमारत हिली और धूल के गुबार के साथ धराशायी हो गई।