रायगढ़: आगामी विधानसभा चुनाव की घड़ियां जैसे जैसे करीब आ रही है, जिले में भी चुनावी गतिविधियां तेज होने लगी है। इस क्रम में दोनो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने पत्ते खोलने शुरू कर दिए है। खासकर रायगढ़ विधान सभा की बात की जाए तो कांग्रेस की तरफ से वर्तमान विधायक प्रकाश नायक को भावी प्रत्याशियों की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। इसके अलावा दो अन्य नामों पर भी विचार मंथन चल रहा है।
वहीं भाजपा की बात की जाए तो उसकी तरफ से ओ पी चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। आम तौर पर रायगढ़ विधान सभा की सीट में अब तक भाजपा और कांग्रेस के प्रत्यासी ही विधायक बनते आए है।
हालाकि वर्ष 2018 के चुनाव में एक बार ऐसा लगा था कि इस बार कोई निर्दलीय भी चुनाव जीत सकता है। भाजपा के बागी विजय अग्रवाल ने दोनो पार्टी प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी थी। हालाकि उस समय के कांग्रेस प्रत्यासी प्रकाश नायक की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक प्रमुख किरदार किसान नेता लल्लू सिंह का नाम भी शामिल था।
जो आज आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले चुके हैं। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस सरकार की वादा खिलाफी से क्षुब्द होकर 40 साल की सेवा के बाद पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया था।
आम आदमी पार्टी की तरफ से विधान सभा रायगढ़ में बड़े उलट फेर की संभावना रखते है लल्लू सिंह
आज की परिस्थितियों में यह माना जा रहा है कि हर बार की तरह इस बार भी आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच ही चुनावी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। इसमें काग्रेस या भाजपा में से कोई एक प्रत्याशी ही जीतकर विधायक बना पाएगा। लेकिन रायगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबले की बात की जाए तो दोनो पार्टियों के अलावा सिर्फ आम आदमी पार्टी ही कुछ खास कर पाएगी। वही मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने या उलट फेर कर जितने की संभावना सिर्फ कद्दावर किसान नेता लल्लू सिंह के ही बूते की बात है।
अब तक कांग्रेस के लिए किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले लल्लू सिंह का अपना एक अलग जनाधार है। वो सरिया पुसौर से होकर पूर्वांचल के सभी बड़े और प्रतिष्ठित किसान घरों में सीधी दखल रखते है। अंचल में हर एक व्यक्ति के सुख दुख में बराबरी से खड़े होने वाले इस किसान नेता का सम्मान पक्ष_विपक्ष के सभी बड़े नेता करते रहे हैं। इस लिहाज से आम आदमी पार्टी के प्रत्यासी के लिहाज से जितना जन समर्थन किसान नेता लल्लू सिंह के पास है उतना बड़ा जनाधार किसी दूसरे प्रत्यासी के पास न था न ही रहेगा।
आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव जीतने वाले प्रत्यासी हो सकते है लल्लू सिंह
मूलतः खेती किसानी के पेशे से जुड़े इस पूर्व कांग्रेसी नेता की छवि पूरे प्रदेश भर में कट्टर किसान नेता की रही है। आपने अपने जीवन में राजनीति से ऊपर किसानों की समस्याओं को ज्यादा महत्व दिया है। इस कारण से सिर्फ छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि पड़ोसी प्रांत उड़ीसा के ग्रामीण अंचलों से भी अपनी खेती किसानी की समस्याओं या प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी बात रखने को लेकर किसान नेता लल्लू सिंह से सलाह मशविरा लेने लोग जरूर आते है। आपने पड़ोसी राज्य उड़ीसा के कई किसान आंदोलनों में भी सक्रिय भूमिका निभाई है।
आप तत्कालीन भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के प्रबल विरोधी रहे हैं। यहां तक कि लारा भू_विस्थापित आंदोलन में भी आपने प्रमुख भूमिका निभाई है। इस वजह से आप क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों के अलावा युवाओं में भी गजब की लोकप्रियता रखते हैं। कांग्रेस से जुड़े कुछ ग्रामीण युवा कार्यकर्ताओं का मानना है कि आपका प्रभाव शहर के पूरे 113+,पूर्वांचल 30 +,पुसौर 89+,सरिया के 60 कुल मिलाकर सभी 292 पोलिंग बूथ में आज भी देखा जा सकता है।
सच कहें तो किसान नेता लल्लू सिंह को नजर अंदाज कर रायगढ़ और खरसिया विधान सभा का भावी पार्टी के भावी प्रत्यासी कांग्रेस की तरफ से चुनाव नही जीत सकता है। आप जिले भर के किसानों और उनके परिवारों के बीच अपनी अच्छी पैठ रखने की वजह से आप रायगढ़ विधानसभा ही नही बल्कि जिले के पूरे पांचों विधानसभा सीट सीट प्रभावित करने का माद्दा रखते हैं।
बावजूद इसके बेहद शांति और शालीनता से राजनीति करने वाले नेता लल्लू सिंह ने खुद को कभी बड़ा नेता नही माना है। उलट आप राजनीति के साथ सीधे जमीन से ही जुड़े रहे। वही लोगों का यह भी कहना है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने बीते पांच वर्ष में आपको यथोचित सम्मान नहीं दिया। जिसके वो हकदार रहे हैं।
अगर पार्टी के जिम्मेदार नेता ने उन्हे सम्मान दिया होता तो हर बार की।तरह वो आज भी कांग्रेस पार्टी के समर्पित और चुनाव जिताऊ कार्यकर्ता/ नेता साबित होते। लेकिन ऐसा हुआ नहीं आज आप देश की राजनीति में तेजी से उभरती राजनीतिक पार्टी आप के सदस्य है,उनकी खूबियां और उनकी क्षमताएं उन्हे आप पार्टी की तरफ से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला प्रत्यासी साबित कर सकती है। बशर्ते आप पार्टी के कर्णधारों की नजर उनकी काबिलियत पर समय रहते पड़नी भर चाहिए।