नई दिल्ली : मोटिवेशनल स्पीकर और सिविल सर्विस की पढ़ाई कराने वाले मशहूर टीचर अवध ओझा आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली की पटपड़गंज सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए कमर कस चुके हैं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की सीट पर चुनाव लड़ रहे अवध ओझा का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है।
वो उत्तर प्रदेश के गोंडा शहर के रहने वाले हैं और अपनी पढ़ाने के खास तरीके को लेकर चर्चित रहते हैं। उन्हें सोशल मीडिया पर ‘ओझा सर’ के नाम से जाना जाता है। वो राजनीतिक तौर पर भी काफी दिलचस्पी रखते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव, मायावती और अरविंद केजरीवाल को लेकर वो अपनी राय भी रखते आए हैं।
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सोशल मीडिया पर ओझा सर के नाम से प्रसिद्ध ओझा सर का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है, लेकिन वह UPSC की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के बीच ओझा सर के नाम से ही जाने जाते हैं। ओझा सर मूल रूप से यूपी के गोंडा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 जुलाई 1984 को हुआ था। उनके पिता श्रीमाता प्रसाद ओझा पोस्टमास्टर थे। कहा जाता है कि श्रीमाता प्रसाद पढ़ाई-लिखाई को लेकर इतने जागरूक थे कि उन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ाने के लिए अपनी पांच एकड़ जमीन तक बेच डाली और पढ़ा-लिखाकर उन्हें वकील बना दिया।
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अवध ओझा सर की पढ़ाई-लिखाई गोंडा से ही हुई। कई इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि वह बचपन में काफी शरारती हुआ करते थे। उनकी शरारत इतनी थी कि स्कूल के प्रिंसिपल तक परेशान रहते थे। आलम यह था कि उनके पिताजी के पास अक्सर शिकायतें पहुंचती रहती थीं। ओझा सर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिताजी तो कभी उन्हें नहीं मारते थे, लेकिन मां के पास शिकायत पहुंचने पर पिटाई जरूर लग जाती थी। ओझा सर ने 10वीं के बाद गोंडा के फातिमा इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और यहीं से ग्रेजुएशन किया।
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आम आदमी पार्टी के नेता बन चुके ओझा सर भले ही हजारों युवाओं को IAS बनने के लिए प्रेरित करते हों, लेकिन उनका IAS बनने का ख्वाब पूरा नहीं हो सका। असल में ओझा सर बचपन से ही IAS बनने के सपने देखते थे। मां-बाप भी चाहते थे कि बेटा IAS बने। अवध ओझा को UPSC की तैयारी कराने के लिए उनके पिता ने जमीन बेची और उन्हें दिल्ली भेजा। अवध ओझा और उनकी बहन दोनों दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी करने लगे, लेकिन अवध ओझा UPSC सिविल सर्विसेज की मेन्स परीक्षा पास नहीं कर पाए।
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UPSC परीक्षा में असफलता के बाद अवध ओझा काफी परेशान हो गए। कुछ समय बाद उनके दोस्त ने उन्हें इलाहाबाद में अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ाने का ऑफर दिया। जब ओझा सर वहां पढ़ाने पहुंचे तो स्टूडेंट्स ने उन्हें नकार दिया। स्टूडेंट्स को ओझा सर के पढ़ाने की स्टाइल पसंद नहीं आई। बाद में ओझा सर ने अपनी शैली में बदलाव किया और कई कोचिंग संस्थानों में पढ़ाया। उन्होंने 2020 में अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया। इसके अलावा ऐप भी लॉन्च किया और UPSC के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ाना शुरू कर दिया।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवध ओझा यानी ओझा सर की नेटवर्थ करीब 11 करोड़ रुपये है। अवध ओझा क्लासेस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यूपीएससी जीएस फाउंडेशन कोर्स की फीस ऑनलाइन मोड में जीएसटी के साथ 80 हजार रुपये है। वहीं, ऑफलाइन मोड में फीस जमा करने पर 1.2 लाख रुपये निर्धारित है।