गरियाबंद, 12 अक्टूबर 2025 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम धन – धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन कार्यक्रम के शुभारंभ का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के द्वारा शनिवार 11 अक्टूबर को किया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के द्वारा कृषक संगोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष लालिमा ठाकुर, ग्राम पंचायत सढ़ौली की सरपंच लक्ष्मी ठाकुर उपस्थित थे।
जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ मनीष चौरसिया, वैज्ञानिक मनीष कुमार आर्य, प्रवीण कुमार जामरे एवं ग्राम पंचायत साढ़ौली के पंच मोहिनी ध्रुव, देव कुमारी सोम, टेश्वरी कृसानु, ग्राम पटेल लीलाराम ठाकुर अन्य जनप्रतिनिधि व महिला समूह के सदस्यगण, कृषक उत्पादक समूह के सदस्यगण व जिले के प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।
कृषि विज्ञान केन्द्र में कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी के समक्ष पूजा अर्चना कर किया गया। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर पूसा नई दिल्ली में आयोजित पीएम धन्य धान कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया।
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इस पूरे कार्यक्रम का विधिवत रूप से सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद में जनप्रतिनिधियों एवं प्रगतिशील कृषकों के समक्ष वेबकास्टिंग के माध्यम से किया गया एवं सभी जनप्रतिनिधि गण एवं कृषको को माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री के उद्बोधन को सुनने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लालिमा ठाकुर द्वारा कृषकों को संबोधित करते हुए उन्हें पीएम धन्य धान कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भर कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी व कृषकों को दलहन तिलहन उत्पादन एवं उसमें आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रोत्साहित किया गया साथ ही कृषकों से आवाहन किया गया कि खेती से संबंधित समस्याओं के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से आवश्यक चर्चा एवं मार्गदर्शन जरूर प्राप्त करें और खेती में धान फसल के अलावा दलहन व तिलहन फसल को सम्मिलित करते हुए वैज्ञानिक पद्धति को अपनाए।
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इस अवसर पर केंद्र के संस्था प्रमुख डॉ मनीष चौरसिया के द्वारा पीएम धन – धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन कार्यक्रम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए विस्तृत रूप से कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी।
केंद्र के वैज्ञानिक मनीष कुमार आर्य के द्वारा विस्तृत रूप से रबी वर्ष हेतु दलहन एवं तिलहन की मुख्य फसलें जैसे सरसों, मूंगफली, चना, उड़द फसलों की बुवाई से लेकर कटाई तक की पूरी जानकारी दी गयी साथ ही प्राकृतिक खेती के विभिन्न अवयव बीज अमृत घनजीव अमृत जीवामृत ब्रह्मास्त्र अग्निअस्त्र निर्मास्त्र आदि के बारे में भी बताया गया और बीज उत्पादन कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए कृषको से दलहन व तिलहन बीज उत्पादन कार्यक्रम करने की सलाह दी गयी।
केंद्र के वैज्ञानिक प्रवीन कुमार जामरे के द्वारा कृषि यंत्र एवं मशीनों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। केंद्र द्वारा आयोजित कृषक संगोष्ठी सह प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कृषको के द्वारा अपने अनुभव को अन्य कृषको के समक्ष साझा किया गया और वैज्ञानिकों से फसलों में लगने वाले कीट एवं रोग के नियंत्रण हेतु परिचर्चा किया गया एवं इस अवसर पर मुख्य अतिथियों के द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी तकनीकी बुलेटिन का वितरण कृषकों को किया गया।
अंत में कृषकों को प्रक्षेत्र में स्थापित फसल उत्पादन इकाई, उद्यान इकाई, पशुपालन इकाई प्राकृतिक खेती इकाई, जैविक ईकाई का भ्रमण कराया गया। इस कार्यक्रम का संचालन केंद्र के वैज्ञानिक प्रवीन कुमार जामरे के द्वारा एवं अतिथियों का आभार व धन्यवाद ज्ञापन वैज्ञानिक मनीष कुमार आर्य के द्वारा किया गया।