BIG NEWS: अब जवानों को एके-47 और स्नाइपर राइफल के फायर से जान जाने का खतरा नहीं…

0
109

कानपुर: सेना के जवानों को अब किसी भी ऑपरेशन के दौरान दुश्मन की दस मीटर की दूरी से एके-47 और स्नाइपर राइफल के फायर से जान जाने का खतरी नहीं रहेगा। रक्षा प्रतिष्ठान डीएमएसआरडीई, कानपुर के विशेषज्ञों ने लगातार अनुसंधान करके लेवल छह की श्रेणी में हल्के वजन की बुलेट प्रुफ जैकेट तैयार की है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ की शाखा रक्षा सामग्री, भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने 9.5 किलोग्राम के वजन की ऐसी बुलेट पु्रुफ जैकेट बनाई है जो जवानों को उच्चतम स्तर के खतरे में भी सुरक्षित रखेगी। यह जैकेट जवानों को 7.62 गुणा 54 आरएपीआई (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स 17051 के लेवल छह) गोला-बारूद से बचाने में मददगार बनेगी।

इस बुलेट प्रुफ जैकेट का हाल ही में टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (टीबीआरएल), चंडीगढ़ में सफल ट्रायल किया गया है। इस दौरान स्नाइपर के निशाना लगाने पर भी एक के बाद एक छह गोलियां बेअसर रहीं। जैकेट के फ्रंट को एर्गोनामिक रूप से डिजाइन किया गया है।

यह पालिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है। इस वजह से ऑपरेशन के दौरान ये जैकेट पहने जवान खुद को आरामदायक महसूस करेगा और दुश्मन की गोली से घायल नहीं हो सकेगा। भारतीय मानक ब्यूरो संख्या 17051 के लेवल छह के अनुरूप विकसित बुलेट प्रुफ जैकेट में मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट लगाई गई है।

जो कि काफी हल्की और सख्त होती है। यह पैनल कम से कम छह बुलेट को झेल सकता है। इस प्लेट पर स्टील की बुलेट टकराने से भी नुकसान नहीं पहुंचता। यह देश में पहला अनुसंधान और विकास है। संभावना है कि जल्द ही डीआरडीओ की ओर से हस्तांतरण प्रौद्योगिकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here