केंद्र व राज्य सरकार एनपीएस कर्मियों को झोल्टूराम बना रही है, कर्मचारी आहरण का आवेदन लगाकर दोनों के पोल खोल अभियान चलाना चाहिए- विजय झा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के भाग्य में 17 के अंक को दुर्भाग्य जनक बताया है। संघ ने केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा 17 वर्षों से एनपीएस में किए गए कटौती की राशि को हजम करने एक नागनाथ एक सांप नाग बनकर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को झोल्टूराम बना रही है। प्रदेश के कर्मचारी 17 वर्षों से जमा अपने अंशदान को आहरण करने हेतु आवेदन अपने-अपने विभाग में प्रस्तुत करें दोनों की पोल खोल जावेगी।

संघ के संरक्षक विजय कुमार झा वह प्रवक्ता विजय डागा ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार द्वारा 1 नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक के एनपीएस में किए गए कर्मचारियों के अंशदान व सरकार के अंशदान की राशि 17,240 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा एन एस डी एल निजी कंपनी मुंबई में इन्वेस्ट कर ब्याज कमाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कर्मचारियों को अपना पैसा आहरण कर लेना चाहिए।

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दूसरी ओर केंद्रीय वित्त मंत्री वी सीतारमण ने कहा है कि एनपीएस की राशि में राज्य सरकारों का कोई अधिकार नहीं है। कर्मचारी का अधिकार है। बे अपना पैसा ले सकते हैं, आहरण कर सकते हैं। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकार के पल्ला झाड़ लेने से छत्तीसगढ़ राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद 17 वर्षों की जमा राशि डूबत खाते में जाने का खतरा पैदा हो गया है।

प्रदेश के कर्मचारियों के लिए 17 का अंक दुर्भाग्यजनक है। क्योंकि एनएसडीएल कंपनी 17 करोड़ 240 लाख रुपए डकार दी है। वहीं 17 वर्षों का राशि डूबने के कगार पर है। नेताओं ने कहा है कि केंद्र और राज्य इसे कर्मचारियों की जमा राशि मान रहे हैं। इसलिए कर्मचारी इसे आहरण कर लें यह परामर्श दे रहे हैं। दूसरी ओर कानूनी सलाह लेने की बात भी कही जा रही है।

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पूर्व में मात्र संपूर्ण सेवाकाल में तीन बार 25% राशि ही आहरण की सुविधा थी। वह राशि भी केवल कर्मचारी के अंशदान की जमा राशि को आहरण किया जा सकता था। सरकार के अंशदान को नहीं किया जा सकता है। उदाहरणार्थ कर्मचारी का अंशदान ₹1लाख रू, सरकार का अंशदान ₹1 लाख कुल ₹2 लाख में केवल कर्मचारी के अंशदान 1 लाख से 25 हजार की जा सकती थी।

जिसे भी राज्य सरकार ने वर्तमान में प्रतिबंध लगा दिया है। इन परिस्थितियों में राज्य के कर्मचारियों के खून पसीने की जमा राशि पर एनएसडीएल कंपनी न ब्याज दे रही है, ना राशि दे रही है। ओ पी एस में जमा राशि पर राज्य सरकार ब्याज व चक्रवृद्धि देती है।

किंतु एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक जमा राशि में ना ब्याज और न हीं चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है। ऐसी स्थिति में दोनों सरकारों की पोल खोलने के लिए प्रदेश के सभी कर्मचारियों से संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा, जिला शाखा अध्यक्ष राम चंद ताण्डी, महामंत्री उमेश मुदलियार, संरक्षक अजय तिवारी, प्रांतीय सचिव प्रदीप उपाध्याय, नरेश वाढ़ेर, शेखर सिंह ठाकुर, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा,

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टार्जन गुप्ता, विश्वनाथ ध्रुव, पितांबर पटेल, राजकुमार शर्मा, होरीलाल छेदईया, कौशल अग्रवाल, मनीष ठाकुर, प्रशांत दुबे, डॉ अरुंधति परिहार, ए जे नायक, कोमल चौहान, ऋतुराज परिहार, सुनील जरौलिया, आलोक जाधव, कमलेश तिवारी, राजकुमार देशलहरे, आदि नेताओं ने प्रदेश के कर्मचारियों से अपील की है कि पोल खोल अभियान चलाकर एनपीएस की राशि आहरण करने हेतु आवेदन लगाकर केंद्र और राज्य के पोल खोलने की अपील की है।

अन्यथा मुख्यमंत्री द्वारा कानूनी परामर्श लेने की बात कही जा रही है। कर्मचारी संघ शासकीय राशि के दुरुपयोग के लिए एनएसडीएल कंपनी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा कर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होगी।

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