Chhattisgarh: अब प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन? ये 7 चेहरें में से एक पर लगेगी दांव…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज कर ली है। 54 सीटों पर जीत के साथ बहुमत दर्ज कर ली है। कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है। अब इसी के साथ छत्तीसगढ़ में प्रारंभ हो गई है कि अब प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा?

पूर्व CM डॉक्टर रमन सिंह

बतादें, छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक, 15 साल लंबी सरकार का नेतृत्व करने वाले पूर्व CM डॉक्टर रमन सिंह को ही BJP मुख्यमंत्री बनाएगी या किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी? यदि रमन सिंह CM नहीं बनते हैं तो छत्तीसगढ़ में सरकार की कमान संभालने के लिए BJP किसको आगे करेगी? छत्तीसगढ़ में बीजेपी की ओर से सीएम पद के लिए अरुण साव, सरोज पांडेय से लेकर लता उसेंडी तक, कई नेताओं के नाम चर्चा में हैं. कौन-कौन से हैं वह चेहरे जिनके नाम छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के लिए रेस में हैं?

अरुण साव

छत्तीसगढ़ बीजेपी अरुण साव छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष हैं और सूबे में BJP के चुनाव अभियान की अगुवाई की. साल 2003 में जब बीजेपी पहली बार छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज हुई थी, तब भी पार्टी बिना सीएम फेस घोषित किए लड़ी थी. तब चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने जब सरकार बनाई, तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंप दी थी. इस बार भी हालात कमोबेश वैसे ही हैं. BJP अगर सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री पद पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का दावा मजबूत माना जा रहा है.

सरोज पांडेय

छत्तीसगढ़ सीएम के लिए सरोज पांडेय का नाम भी रेस में शामिल माना जा रहा है. सरोज पांडेय बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं. सरोज छत्तीसगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा मानी जाती हैं. वह दो बार भिलाई की मेयर और विधायक भी रही है. सरोज 2009 के आम चुनाव में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई थीं. हालांकि, 2014 की मोदी लहर में भी वह इस सीट से चुनाव हार गई थीं. वह बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.

बृजमोहन अग्रवाल

MLA बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से 8 बार के MLA हैं. इस बार वह आठवीं बार विधानसभा पहुंचने के लिए जोर लगा रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल, डॉक्टर रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. बृजमोहन को रायपुर दक्षिण सीट को बीजेपी के अभेद्य किले में तब्दील करने के लिए श्रेय दिया ही जाता है, इनकी गिनती स्वच्छ छवि के सरल-सहज नेताओं में भी होती है.

रेणुका सिंह

छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है और डॉक्टर रेणुका सिंह इसी समाज से आती हैं. केंद्र सरकार में राज्यमंत्री रेणुका 2003 में पहली बार MLA निर्वाचित हुई थीं. बीजेपी ने इस बार रेणुका को भरतपुर सोनहत सीट से चुनाव मैदान में उतारा है और चर्चा है कि पार्टी इन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है. रेणुका सिंह जिला पंचायत सदस्य भी रही हैं और छत्तीसगढ़ बीजेपी की महिला मोर्चा में महामंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुकी हैं. उन्हें संगठन में काम करने का भी अनुभव है.

लता उसेंडी

BJP का बड़ा लता उसेंडी छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरा हैं. लता 2003 के चुनाव में कोंडागांव सीट से पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं. महज 31 साल की उम्र में लता छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री बन गई थीं. वह दो बार विधायक रही हैं और दो ही बार चुनाव हारीं भी. अभी वह बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. लता भारतीय जनता युवा मोर्चा की भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं. छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग भी समय-समय पर उठती रही है. राज्य गठन के बाद पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बाद कोई भी आदिवासी नेता सीएम नहीं बना. लोकसभा चुनाव भी करीब हैं, ऐसे में चर्चा है कि बीजेपी किसी आदिवासी को सीएम बनाने का दांव चल सकती है.

ओपी चौधरी

मुख्यमंत्री पद की रेस में चर्चा पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी के नाम की भी है. इसकी वजह है चुनाव प्रचार के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का एक बयान. रायगढ़ में अमित शाह ने ओपी चौधरी के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. उन्होंने तब कहा था कि आप ओपी चौधरी को जिता दीजिए, मैं इनको बड़ा आदमी बना दूंगा. अमित शाह के बड़ा आदमी बनाने वाले बयान को लेकर अटकलें हैं कि ये सीएम या डिप्टी सीएम का पद हो सकता है.

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