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Chhattisgarh: ग्रामीणों ने उजाड़ी सपेरों की बस्ती, गांव में हुक्का-पानी किया बंद, प्रशासन ने कहा- फिर से बसाएंगे

बालोद: छत्तीसगढ़ में बालोद के एक गांव में निवास कर रही सपेरों की बस्ती को वहीं के ग्रामीणों ने उजाड़ दिया। सोमवार रात में बारिश और ओलों के बीच सपेरों के घरों के छप्पर तोड़ दिए गए और उनके बर्तन निकाल कर फेंक दिए। इसके साथ ही गांव में पानी लेने और दुकानों से सामान लेने पर भी रोक लगा दी गई है। सपेरों ने इस संबंध में कलेक्टर से जन दर्शन कार्यक्रम में शिकायत की। इसके बाद शुक्रवार को प्रशासन की टीम पहुंची और नुकसान का आकलन किया। प्रशासन ने ग्रामीणों को समझाया और वहां फिर से सपेरों को बसाने का इंतजाम कर रहा है। मामला डौंडीलोहारा का है।

जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत चिखली के आश्रित गांव केरी जुंगेरा में करीब आठ से 10 साल से आदिवासी सपेरों का परिवार रहा रहा है। परिवारों का कहना है कि ग्रामीणों की ही रजामंदी से ही वे यहां पर बसे थे। सोमवार रात अचानक गांव की महिलाएं और पुरुष आए, इसके बाद उनके घरों को तोड़ने लगे। बस्ती में रहने वाली केंवरा बाई ने बताया कि कभी कोई परेशानी नहीं आई, पर अचानक क्या हुआ कि ग्रामीण इतने आक्रोशित हो गए। कुछ लोगों ने हमें यहां रहने की सलाह दी तब से हम यहीं पर रह रहे हैं। ग्रामीणों ने दुकान से सामान देना, पानी देना भी बंद कर दिया है।

बारिश से हुई समस्या
सपेरों ने बताया कि सोमवार रात को तेज गरज चमक के साथ बारिश हुई। साथ ही ओले भी गिरेद्ध जिसके कारण टूटे हुए घरों में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आधी रात को किसी तरह से कच्चे छप्पर बनाए और रात गुजारी। आगे अगर कोई विवाद ना हो तो हम अपने छप्पर पक्के कर लेते, लेकिन अब तक तो कोई ठोस जानकारी हमारे पास नहीं आई है। हमें यहां रहना है कि यहां से जाना है या फिर यह विवाद चलता रहेगा। बहरहाल मामला चाहे जो भी हो लेकिन किसी को घरों में तोड़फोड़ करने का अधिकार नहीं है।

जांच के लिए पहुंची टीम
डौंडीलोहारा के एसडीएम राजस्व मनोज मरकाम ने बताया कि, तहसीलदार मौके पर जांच के लिए गए थे। ग्रामीणों को समझाया गया है। जो छप्पर उखाड़े गए हैं, घरों को जो नुकसान पहुंचाया गया है, उन सभी की भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी उसे सुधारा जाए ताकि आपसी सामंजस्य बना रहे। वहीं पूरे मामले पर जब सरपंच आशा देवी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जानकारी होने की बात से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि पूरा मामला ग्रामीणों से जुड़ा हुआ है। ग्रामीणों के विषय में मैं कुछ नहीं कहना चाहती।

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