Congress: ‘भारत जोड़ो’ यात्रा किसी तरह की ‘मन की बात’ नहीं, बल्कि जनता की चिंता के लिए है

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नयी दिल्ली: कांग्रेस ने सात सितंबर से अपनी प्रस्तावित ‘भारत जोड़ो’ यात्रा से संबंधित गीत सोमवार को जारी किया और कहा कि उसकी यह यात्रा किसी तरह की ‘मन की बात’ नहीं है, बल्कि जनता की ंिचता एवं लोगों के विचार सुनने के लिए है। मुख्य विपक्षी दल ने अपनी इस यात्रा के गीत के ंिहदी संस्करण ‘एक तेरा कदम, एक मेरा कदम, मिल जाए, जुड़ जाए, अपना वतन’ को जारी किया। बाद में तमिल, मलयालम और कुछ अन्य भाषाओं में भी इस गीत को जारी किया जाए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस गीत का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘लाखों रंग समेटे हुए, ये इंद्रधनुष का वेश है। कन्याकुमारी से कश्मीर तक, जुड़ रहा मेरा देश है। मैं आ रहा हूं, आपके शहर, आपके गांव, आपकी गली, आपसे मिलने। हम सब साथ मिलकर अपना भारत जोड़ेंगे।’’

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा किसी तरह की मन की बात नहीं है। यह जनता की ंिचता है। जनता की जो ंिचता है, जनता जो मांग कर रही है उसे दिल्ली तक पहुंचाना इस यात्रा का मकसद है। लंबे भाषण नहीं होंगे, हम लोगों को सुनने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन राज्यों से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ गुजर नहीं रही है, वहां भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की ‘सहायक यात्रा’ नकाली जाएगी, यह यात्रा 75 किलोमीटर से 100 किलोमीटर तक होगी।’’ रमेश ने यह भी कहा कि राहुल गांधी इस यात्रा का नेतृत्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह 118 अन्य ‘भारत यात्रियों’ के साथ इसमें शामिल हो रहे हैं।

राहुल गांधी सात सितंबर को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले श्रीपेरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर एक प्रार्थना सभा में शामिल होंगे। इसके साथ ही वह कन्याकुमारी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जहां तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उन्हें राष्ट्र ध्वज सौंपेंगे।

कन्याकुमारी में ‘गांधी मंडपम’ में कार्यक्रम के दौरान स्टालिन भी मौजूद रहेंगे, जिसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ उस सार्वजनिक रैली स्थल पर जाएंगे जहां से यात्रा की औपचारिक शुरुआत होगी। कन्याकुमारी से श्रीनगर की 3,570 किलोमीटर लंबी यात्रा की औपचारिक शुरुआत रैली में होगी, लेकिन वास्तव में गांधी और कई अन्य कांग्रेस नेता आठ जनवरी को सुबह सात बजे ‘पदयात्रा’ की शुरुआत करेंगे।

पदयात्रा 11 सितंबर को केरल पहुंचेगी और अगले 18 दिनों तक राज्य से होते हुए 30 सितंबर को कर्नाटक पहुंचेगी। यात्रा कर्नाटक में 21 दिनों तक रहेगी और उसके बाद उत्तर की तरफ अन्य राज्यों में जाएगी।

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