हर हिन्दू मनाये अपना हिन्दू नव वर्ष-तामेश तिवारी हिन्दू शक्ति सेवा संगठन

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होरी जैसवाल

रायपुर : हिन्दू नव वर्ष व चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। जिसके उपलक्ष्य में हिन्दू शक्ति सेवा संगठन के संस्थापक तामेश तिवारी ने देश वाशियों को हिन्दू नव वर्ष व चैत्र नवरात्रि की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की व साथ ही सभी हिन्दू भाइयों बहनो को इस दिन को बेहद ही खास व उत्साह पूर्वक मनाने की अपील की है।

तिवारी ने कहा कि आज हमें अपनी संतानों को सनातनी शिक्षा देने की आवश्यकता है क्यों कि ज्यादातर लोग अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नव वर्ष मानते है जबकि हिंदुस्तान में हिन्दुओ के नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन से प्रारंभ होती है, पाश्चत्य सभ्यता हावी होने की वजह से आज वर्तमान में युवा पीढ़ी अपनी पहचान खोते जा रही है।

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चैत्र नवरात्रि माँ दुर्गा के आराधना का महापर्व नवरात्र प्रारम्भ होता है व साथ हिन्दू नववर्ष प्रारंभ होता है। इसी दिन जगत्पति ब्रम्हा जी ने सृष्टि का निर्माण किया था,महाराजा विक्रमादित्य ने इसी दिन विक्रम संवत का प्रारंभ किया था, इसी दिन भगवान राम ने बाली का वध किया था,

भगवान राम जी व युधिष्ठर जी का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुवा था, महर्षि गौतम ऋषी की जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है, बसंत का आगमन भी इसी दिन से प्रारंभ होता है, भगवान झूलेलाल जी की जयंती भी इसी दिन मानते है, गुड़ीपड़वा भी मानते है गुरु अंगद देव साहब का अवतरण भी इसी दिन हुवा था।

इतने शुभ अवसर हम सभी को चाहिए कि हम सब मिल कर हिन्दू नव वर्ष को बेहद ही खास तरह से मानये एक त्योहार के रूप में मानये इस हम सभी को चाहिए कि हम सब सुबह जल्दी उठ कर सपरिवार भगवान का पूजन भजन करे वैदिक ग्रंथो का सपरिवार पाठ करें, घर के बाहर धर्म ध्वज फहराए, घर के बाहर रंगोली बंदनवार करे, सम्भवतः स्वयं उपवास रहे व जरूरत मंदो को सपीरवार जा कर भोजन कराएं जरूरत मंदो की हर सम्भव मदद करे।

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मंदिरो में महाआरती का आयोजन हो सभी लोग सपरिवार मंदिर जाए, अपनी संतानों को इस दिन का इतिहास बताये , अपने सभी परिवारिक इष्टमित्रों को नव वर्ष की शुभकामनाएं दे शोशल साईट का उपयोग करे।

तिवारी ने कहा कि कही न कही आज हमें अपने संस्कार बचाने पढ़ रहे , पाश्चत्य सभ्यता इतनी हावी होते जा रही है कि लोग अब अपने अपने हिन्दू रीति रिवाज भूलते जा रहे है, लोग उस सभ्यता को भूलते जा रहे है जिस सभ्यता को पाश्चात्य सभ्यता अपना रही है जो हमारा सनातन धर्म है।

हमे अपनी संतानों को आने वाली पीढ़ी को सनातन धर्म का इतिहास पता होना जरूरी है उसमें संस्कार होना जरूरी है तभी हम सब मिल कर एक हिन्दू राष्ट्र की कल्पना कर सकते है।

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