Gujarat Election: कांग्रेस के गढ़ बायड में निर्दलीय उम्मीदवार की होगी अहम भूमिका

Must Read

बायड: गुजरात के अरावली जिले के बायड विधानसभा क्षेत्र के चुनावी नतीजे स्थानीय मुद्दों और सत्ता विरोधी लहर से ज्यादा इस बात से तय हो सकते हैं कि एक दलबदलू नेता इस सीट के पारंपरिक दावेदारों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के वोटों में कितनी सेंध लगाने की क्षमता रखते हैं।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर ंिसह वाघेला के बेटे महेंद्र ंिसह 2012 में कांग्रेस के टिकट पर बायड से विधानसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि इस बार महेंद्र ंिसह मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

उत्तर गुजरात में कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली बायड सीट पर दूसरे चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा। इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के महेंद्र ंिसह वाघेला और भाजपा प्रत्याशी भीखीबेन परमार के बीच माना जा रहा है। इस बीच, एक प्रभावशाली निर्दलीय उम्मीदवार धवलंिसह जाला सुर्खियों में छाए हुए हैं और सीट के अंतिम परिणाम में उनके द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाये जाने की संभावना है।

बायड अरावली जिले की तीन विधानसभा सीटों में से एक है और इन सभी सीटों पर 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 2,30,000 मतदाता हैं, जिनमें से 56 प्रतिशत ठाकोर समुदाय के हैं जबकि अनुसूचित जाति (एससी) के सात प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दो प्रतिशत और शेष मतदाता पटेल समुदाय से हैं।

इस सीट के लगभग 89 प्रतिशत मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और छोटे व्यवसायों के इर्द-गिर्द घूमती है। इलाके का ठाकोर समुदाय पिछले कई चुनावों में कांग्रेस का समर्थन करता आ रहा है, सिवाय 2007 के जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बायड सीट पर जीत हासिल की थी।

कांग्रेस ने 2012 में यह सीट पर फिर से अपने खाते में कर ली जब उसके उम्मीदवार महेंद्र ंिसह वाघेला यहां से विधायक चुने गए थे। कांग्रेस ने 2017 में भी यह सीट बरकरार रखी जब उसके उम्मीदवार धवल ंिसह जाला विजयी हुए थे। हालांकि, दोनों ही मामलों में, कांग्रेस अपने मौजूदा विधायकों को बनाए नहीं रख सकी क्योंकि वे भाजपा में चले गए। महेंद्र ंिसह वाघेला ने 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था जबकि जाला 2019 में राज्यसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे।

दलबदल के बावजूद, कांग्रेस ने 2019 के उपचुनाव में बायड सीट बरकरार रखी थी। हालांकि महेंद्र ंिसह वाघेला पिछले महीने ही कांग्रेस में लौट आए और इस बार वह बायड से ही चुनाव लड़ रहे हैं। गुजरात की राजनीति एक प्रमुख नेता शंकर ंिसह वाघेला खुद बायड निर्वाचन क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं और अपने बेटे के निर्वाचित होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रचार कर रहे हैं।

महेंद्र ंिसह वाघेला ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुझे अपनी पार्टी के लिए यह सीट बरकरार रखने का भरोसा है। गुजरात के लोग भाजपा के कुशासन से तंग आ चुके हैं और वे बदलाव चाहते हैं। ’’ भाजपा विकास के मुद्दे पर प्रचार कर रही और उसे इस सीट पर जीत की उम्मीद है।

भाजपा प्रत्याशी भीखीबेन परमार ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने पिछले 10 वर्षों में इस निर्वाचन क्षेत्र (बायड) के लिए कुछ भी नहीं किया है। यहां के किसान मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। क्षेत्र का विकास भाजपा ही कर सकती है।’’ हालांकि, जीत की कुंजी धवलंिसह जाला के पास लगती है, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना के उपाध्यक्ष हैं। यह संगठन ठाकोर समुदाय के अधिकारों का हिमायती है।

- Advertisement -

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

spot_img

Ro 12338/134

spot_img

RO 12242/ 175

spot_img

More Articles