नई दिल्ली : इंडोनेशिया के जावा द्वीप में सोमवार को भूकंप की वजह से कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई है। इतना ही नहीं, इस झटके की वजह से सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं। भूकंप की वजह से इंडोनेशिया के जावा में दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बताया जा रहा है कि जान बचाने के लिए लोगों को सड़कों और गलियों में भागना पड़ा। घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए क्योंकि वे ढह गईं इमारतों की चपेट में आ गए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक 5.4 तीव्रता का भूकंप पश्चिम जावा प्रांत के सियांजुर क्षेत्र में आया था। इसकी गहराई 10 किलोमीटर तक थी। इंडोनेशिया में आए इस भूकंप को लेकर सभी देशों ने उसके साथ एकजुटता व्यक्त की है। भारत के विदेश मंत्री ने भी ट्वीट कर कठिन समय में इंडोनेशिया के साथ एकजुटता से खड़ा रहने की बात कही है।
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में लिखा कि भूकंप से इंडोनेशिया के जावा में जान-माल के नुकसान की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने कहा कि मेरे विचार शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने साफ कहा कि भारत इस कठिन समय में इंडोनेशिया के साथ एकजुटता से खड़ा है। राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने कहा कि लगभग 700 लोग घायल हैं।
एक बयान के मुताबिक हताहतों की संख्या और नुकसान के बारे में जानकारी अभी एकत्र की जा रही है। जकार्ता में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। राजधानी में ऊंची इमारतें हिल गईं और कुछ को खाली करा लिया गया। चिंता की बात तो यह है कि विशाल द्वीपसमूह राष्ट्र में अक्सर भूकंप आते हैं, लेकिन जकार्ता में उन्हें महसूस करना असामान्य है।
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इंडोनेशिया की आबादी 27 करोड़ से अधिक है और यह भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट तथा सुनामी से अक्सर प्रभावित होता रहता है। इस साल फरवरी में, पश्चिम सुमात्रा प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी और 460 से अधिक घायल हो हुए थे। जनवरी 2021 में, पश्चिम सुलावेसी प्रांत में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 6,500 लोग घायल हो गए थे। 2004 में हिंद महासागर में आए एक शक्तिशाली भूकंप और सुनामी ने एक दर्जन देशों में लगभग 2,30,000 लोगों की जान ली थी, जिनमें से अधिकांश इंडोनेशिया में थे।