spot_img
HomeBreakingJharkhand : लड़की ने खेत में चलाया ट्रैक्टर तो पंचायत ने सुनाया...

Jharkhand : लड़की ने खेत में चलाया ट्रैक्टर तो पंचायत ने सुनाया दिया फतवा…माफ़ी मांगे

रांची (Jharkhand): गांव की एक लड़की ने अपने खेतों में ट्रैक्टर चलाया तो रूढ़ियों में जकड़े गांव वालों को उसका यह ‘साहस’ बर्दाश्त न हुआ. पंचायत बुलाकर लड़की पर जुर्माना लगाया गया. इतना ही नहीं, पंचायत ने हुक्म सुनाया है कि लड़की जुर्माना नहीं देती और माफी नहीं मांगती तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जायेगा. पर उस साहसी लड़की ने भी तय कर लिया है कि वह पंचायत के किसी भी फरमान की फिक्र किये बगैर खुद को एक सफल प्रगतिशील किसान के तौर पर स्थापित करेगी. यह वाकया झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत सिसई ब्लॉक के डहू टोली गांव का है.

यह भी पढ़ें :-Nalanda : ट्रेन की बोगी के ऊपर चढ़कर सेल्फी लेना युवक को पड़ा भारी, हाईटेंशन लाइव वायर की चपेट में आने से मौत

पंचायत के फरमान के खिलाफ तनकर खड़ी हुई इस लड़की का नाम है मंजू उरांव. वह गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा है. मंजू के माता-पिता किसान हैं. परिवार के पास छह एकड़ खेती लायक जमीन है. वर्षों से परिवार के लोग पारंपरिक तरीके से खेती करते आ रहे हैं. न सिंचाई की सुविधा और न खेती की नई तकनीकों का ज्ञान. इससे घर-गृहस्थी किसी तरह चल रही थी. मंजू ने तय किया कि पारंपरिक ढर्रे को बदलकर नई तकनीक से खेती करेगी. उसके कहने पर दो साल पहले परिवार ने गांव में करीब और 10 एकड़ जमीन लीज पर ली. धान, मकई, टमाटर, आलू और अन्य फसलों की खेती से अच्छा फायदा हुआ तो मंजू ने इस साल खेती के लिए एक पुराना ट्रैक्टर खरीद लिया.

पिछले दिनों वह खुद ट्रैक्टर लेकर अपने खेतों की जुताई पर निकल पड़ी. गांव में अब तक ऐसा साहस किसी महिला ने नहीं किया था. यह बात रूढ़िवादी सोच में जकड़े गांव वालों को नागवार गुजरी है. बीते मंगलवार को गांव में पंचायत बुलायी गयी. सैकड़ों स्त्री-पुरुष जमा हुए. सबने एक स्वर में कहा कि किसी लड़की ने आज तक खेतों की जुताई नहीं की. मंजू ने यह नियम तोड़ा है. यह अपशकुन है. इससे गांव पर आफत आ सकती है. अकाल पड़ने और महामारी फैलने का खतरा है. पंचायत ने मंजू पर जुर्माना लगाने और माफी मांगने का हुक्म सुनाया. कहा गया कि ऐसा न करने पर उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ें :-Intelligence Bureau ने दिल्ली पुलिस को किया अलर्ट, लश्कर-जैश रच रहे आतंकी हमले की साजिश

मंजू को पंचायत के इस फरमान की खबर मिली तो उसने दो-टूक जवाब दिया कि वह हर हाल में खेती-किसानी जारी रखेगी. उसने बताया कि सफल और प्रगतिशील किसान बनना उसका सपना है. उसने और उसके पिता दोनों ने किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया था, लेकिन कर्ज नहीं मिला. यह सहायता मिल जाती तो खेती के लिए सिंचाई से लेकर पूंजी और संसाधनों की व्यवस्था आसान हो जाती. वह कहती हैं- लड़की हूं तो क्या हुआ? आज बेटियां आसमान की ऊंचाई माप रही हैं. मैं जमीन पर खेती कर रही हूं तो यह गुनाह कैसे हो गया? समझने की जरूरत मुझे नहीं, मेरे खिलाफ फैसला देने वालों को है. मैं अपना काम करती रहूंगी.

RELATED ARTICLES
spot_img
- Advertisment -spot_img

ब्रेकिंग खबरें

spot_img