कोलकाता: कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और उसकी हत्या के दोषी संजय रॉय ने सोमवार को अदालत में दावा किया कि वह निर्दोष है और उसे गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है।
रॉय को पिछले वर्ष अगस्त माह में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म करने और उसकी गला दबाकर हत्या करने के मामले में शनिवार को दोषी ठहराया गया। मामले में सजा सुनाए जाने से पहले रॉय ने अदालत से कहा, ‘‘मुझे फंसाया जा रहा है और मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैंने कुछ भी नहीं किया है फिर भी मुझे दोषी ठहराया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जेल में मुझे पीटा गया और मुझसे जबरन कागजात पर हस्ताक्षर करवाए गए।’’ सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने रॉय को शनिवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया।
कार्यवाही के दौरान केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिवक्ता ने दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने का अनुरोध किया। एजेंसी के अधिवक्ता ने अदालत से कहा, ‘‘हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं।’’
रॉय के बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करे, जिससे यह साबित हो सके कि दोषी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उसे सुधरने का मौका देने के लिए ‘मृत्युदंड के अलावा किसी अन्य वैकल्पिक सजा’ का अनुरोध किया।
मृतक चिकित्सक के माता-पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता ने कड़ी सजा का अनुरोध करते हुए तर्क दिया कि रॉय स्वयंसेवक होने के नाते अस्पताल की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था, लेकिन उसने खुद ही पीड़ित चिकित्सक के साथ जघन्य अपराध किया, जिसकी रक्षा करना उसका कर्तव्य था।
बचाव पक्ष और अन्य पक्षों की सुनवाई अपराह्न करीब एक बजे समाप्त हुई और न्यायाधीश ने कहा कि दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर सजा सुनाई जाएगी।