कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला रोज एक नया मोड़ ले रहा है। जहां केस से संबंधित दोषियों को जल्द सजा देने की मांग हो रही है वहीं, अभी तक सीबीआई किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।
उधर ममता बनर्जी की सरकार पर बीजेपी हमलावर है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर एक नया दावा किया जा रहा है। जिसके संबंध में सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है।
दरअसल, पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोषश द्वारा सेमिनार हॉल के पास रेनोवेशन का ऑर्डर दिया गया था, जहां महिला ट्रेनी डॉक्टर का रेप और हत्या हुई थी।
बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने गुरुवार को आरोप लगाया और वायरल लेटर को सोशळ मीडिया पर पोस्ट किया। इस लेटर के वायरल होते ही केस में नया मोड़ आ गया है और तो और मामले को लेकर बवाल तेज हो गया है। भाजपा नेता ने संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित एक कथित पत्र भी साझा किया, जिसमें रेनोवेशन कार्य को अधिकृत किया गया था।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व निदेशक संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित आदेश 10 अगस्त को जारी किया गया था, जो पीड़िता की मौत के ठीक एक दिन बाद था। अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ के बारे में सहकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के आरोपों के बावजूद, पुलिस आयुक्त ने इससे इनकार किया।”
हालांकि, वायरल लेटर को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और न ही लोकमत हिंदी इसकी सत्यता की कोई पुष्टि करता है।
कोलकाता के पीडब्ल्यूडी के कई विभागों के कार्यकारी इंजीनियरों को संदीप घोष द्वारा लिखे गए ज्ञापन में कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारी संलग्न शौचालयों की मरम्मत करना चाहते थे।
बीजेपी द्वारा पोस्ट किए पत्र में लिखा है, “मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आरजीकेएमसीएंडएच, कोलकाता के विभिन्न विभागों में ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों के कमरे और अलग-अलग संलग्न शौचालयों में कमियां हैं। आपसे अनुरोध है कि आरजीकेएमसीएंडएच के रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग के अनुसार तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें।
इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और आज पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सा शिक्षा निदेशक के साथ बैठक में इसका समाधान हो चुका है।”
रेनोवेशन के खुलासे के बाद बंगाल में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने आरोप लगाया कि अपराध स्थल पर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
मालूम हो कि हत्या के बाद संदीप घोष की भूमिका जांच के दायरे में तब आई जब पीड़ित परिवार ने खुलासा किया कि अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि महिला ने आत्महत्या की है। पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी का शव देखने के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने हत्या से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने में देरी के बारे में बंगाल सरकार से भी सवाल किया था।
संदीप घोष को इस सप्ताह की शुरुआत में सीबीआई ने लाशें बेचने सहित कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में गिरफ्तार किया था।
डॉक्टर की 36 घंटे की शिफ्ट के दौरान सेमिनार हॉल में सोते समय बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस ने इस अपराध के लिए संजय रॉय नामक एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया है।