Korba: नरईबोध गोलीकांड की बरसी पर भूविस्थापित एकजुटता दिवस मनाया किसान सभा ने लिया रोजगार व बसाहट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प

0
315
Korba: नरईबोध गोलीकांड की बरसी पर भूविस्थापित एकजुटता दिवस मनाया किसान सभा ने लिया रोजगार व बसाहट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प

कोरबा: नरईबोध गोलीकांड की 25वीं बरसी के अवसर पर 11 अगस्त को छत्तीसगढ़ किसान सभा द्वारा भूविस्थापित एकजुटता दिवस का आयोजन किया गया तथा इस गोलीकांड में शहीद गोपाल दास और फिरतू दास को श्रद्धांजलि देते हुए इस क्षेत्र में विस्थापन से प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और बसाहट के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प व्यक्त किया गया।

उल्लेखनीय है कि 11अगस्त 1997 को एसईसीएल कुसमुंडा खदान की लक्ष्मण परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का ग्रामीणों द्वारा शांति पूर्ण विरोध किया जा रहा था। इस विरोध को कुचलने के लिए एसईसीएल प्रबंधन के इशारे पर प्रशासन द्वारा निहत्थे ग्रामीणों पर गोलियां चलाई गई थी, जिसमें गोपाल दास और फिरतू दास नामक दो भूविस्थापित शहीद हो गए थे और दर्जनों घायल हो गए थे। इस गोलीकांड के बाद दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करने के बजाय निर्दोष 29 ग्रामीणों के खिलाफ ही कार्यवाही की गई थी। गोलीकांड का यह स्थल अब गेवरा खदान क्षेत्र के अंदर पड़ता है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के कार्यकर्ताओं द्वारा इस स्थल पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई तथा असली दोषियों पर अभी तक कार्यवाही न होने पर तीखा रोष प्रकट किया गया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव प्रशांत झा ने इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस हत्याकांड की असली गुनाहगार एसईसीएल है, जिसके मजदूर-किसान विरोधी, ग्रामीण विरोधी नीतियों के खिलाफ आज भी माकपा और किसान सभा संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को न्याय तभी मिलेगा, जब इस गोलीकांड की जांच की जाए और एसईसीएल और प्रशासन के तत्कालीन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने इस स्थान पर दोनों भूविस्थापित शहीदों की प्रतिमाएं लगाने की भी मांग की।

किसान सभा के नेता जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि 40-50 वर्ष पहले कोयला उत्खनन करने के लिए इस क्षेत्र के हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन कोयला खदानों के अस्तित्व में आ जाने के बाद अब विस्थापित किसानों और उनके परिवारों की सुध लेने के लिए न तो सरकार, और न ही एसईसीएल प्रबंधन तैयार है। नतीजन, आज भी हजारों भूविस्थापित किसान जमीन के बदले रोजगार और बसाहट के लिए संघर्ष करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि किसान सभा द्वारा चलाये जा रहे अनवरत संघर्षों/अभियानों का परिणाम भी अब भूविस्थापितों के पक्ष में दिखने लगा है।

किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष दीपक साहू ने नरईबोध गोलीकांड में एसईसीएल प्रबंधन, प्रशासन और तत्कालीन कांग्रेस सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया। उन्होंने इस क्षेत्र में एक तथाकथित भूविस्थापित संगठन द्वारा शहादत दिवस आयोजन के नाम पर इस हत्याकांड के लिए जिम्मेदार एसईसीएल से ही पैसा वसूली अभियान को और इस आयोजन में एसईसीएल प्रबंधन को आमंत्रित करने को भूविस्थापित शहीदों का अपमान करार दिया है। इस संगठन के पत्र को मीडिया के लिए जारी करते हुए किसान सभा नेता ने कहा है कि इस वसूलीखोर संगठन का जनविरोधी चेहरा अब खुलकर बेनकाब हो गया है और इस क्षेत्र की जनता अपने शहीदों का अपमान करने वाले वसूलीखोरों को कभी माफ नहीं करेगी।

श्रद्धांजलि सभा मे प्रमुख रूप से जय कौशिक, मोहन, नरेंद्र यादव, दिलहरण बिंझवार, कन्हैया दास, हरनारायण, कृष्णा वस्त्रकार, प्रकाश भारद्वाज, पूर्णिमा महंत, गीता बाई, लता बाई, देव कुंवर, राममती, जान कुंवर, जीरा बाई, अमृता बाई, राम कुंवर, नीरा बाई, कनकन बाई, अघन बाई के साथ बड़ी संख्या में भूविस्थापित ग्रामीण उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here