नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने मंगलवार को करणी सेना प्रमुख सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या मामले की जांच आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। हत्या में हाई-प्रोफाइल गैंगस्टरों की संलिप्तता को देखते हुए एनआईए को जांच का जिम्मा दिया गया था। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने केस दर्ज कर लिया है। करणी सेना प्रमुख की 5 नवंबर को राजस्थान के जयपुर में उनके आवास पर तीन शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के तुरंत बाद लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े गैंगस्टर रोहित गोदारा ने गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी ली।
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दोनों शूटर रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को 9 नवंबर को चंडीगढ़ में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया कि गोदारा ने ही हत्या की सुपारी दी थी। प्राथमिक जांच में यह भी पता चला कि फरार होने के दौरान शूटर गोदारा के करीबी वीरेंद्र चैहान और दानाराम के संपर्क में थे। फायरिंग के दौरान तीसरे शूटर की मौत हो गई. मामले के सिलसिले में एक अन्य महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने कथित तौर पर अपने पति के साथ हथियार उपलब्ध कराए और आवास की व्यवस्था की।
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इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की जयपुर में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने वाले दो व्यक्ति फरार रहने के दौरान पहचान पत्र के सहारे चंडीगढ़ के होटल में ठहरे थे। गोगामेड़ी की जान को खतरे के संबंध में राजस्थान पुलिस के साथ खुफिया सूचना साझा की थी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंगलवार को राजस्थान के जयपुर में गोगामेड़ी की उनके घर में दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग के रोहित गोदारा ने ली।