मणिपुर में राष्ट्रपति शासन : जबरन वसूली करने वाले 8 आरोपी गिरफ्तार

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मणिपुर में राष्ट्रपति शासन : जबरन वसूली करने वाले 8 आरोपी गिरफ्तार

इम्फाल: मणिपुर में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए जबरन वसूली में शामिल दो अलग-अलग संगठनों के कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई ने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित किया है।

इंफाल पश्चिम जिले में पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (इबुंगो नगांगोम) के 6 सदस्यों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन्हें कोत्रुक माखा लेईकाई चर्च से पकड़ा गया। यह संगठन लंबे समय से अवैध गतिविधियों में लिप्त था और इलाके में डर और अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा था।

वहीं, इंफाल पूर्वी जिले के अचनबिगेई मानिंग लेईकाई इलाके से पुलिस ने जी5 संगठन के 2 सदस्यों को भी हिरासत में लिया। इन पर सेकमाई, इरिलबंग, कोइरेंगेई और पटसोई इलाकों में रेत से लदे ट्रकों से जबरन वसूली करने का आरोप है। ये आरोपी ट्रक चालकों की चाबियां छीनकर उनसे अवैध वसूली किया करते थे।

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गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान 43 वर्षीय निंगथौजम यंबा सिंह और 35 वर्षीय उषाम नेताजी सिंह के रूप में हुई है। इस बीच, मणिपुर के काकचिंग और कांगपोकपी जिलों में पुलिस को बड़ी मात्रा में गोला-बारूद भी सौंपे गए हैं। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से अवैध हथियार और गोला-बारूद जमा कराने की अपील की थी, जिसके बाद प्रशासन को इन जिलों से 12 आग्नेयास्त्र मिले हैं, जिन्हें काकचिंग पुलिस थाने को सौंप दिया गया है।

टेंग्नौपाल जिले के मोरेह थाने के पास माओजांग गांव में भी सुरक्षाबलों ने एक अभियान चलाया, जिसमें डेटोनेटर, विस्फोटक उपकरण, आईईडी और छह से चार किलोग्राम वजनी बम बरामद किए गए। बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही आईईडी को नष्ट कर दिया। इस पूरी घटना को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई मणिपुर में मई 2023 में भड़की जातीय हिंसा के बाद चलाए जा रहे अभियानों का हिस्सा है।

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इस हिंसा में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे। वर्तमान में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाबलों की सक्रियता लगातार बनी हुई है। इस ताजा कार्रवाई ने राज्य में अपराधियों के खिलाफ सरकार के सख्त रुख को साफ कर दिया है। हालांकि, यह देखना अहम होगा कि इस अभियान के बाद मणिपुर में शांति और स्थिरता कितनी जल्दी बहाल होती है।

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