रायपुर: बैजनाथपारा में चल रहे अवैध अघोषित नाइट मार्केट के खिलाफ वहां के रहवासियों औऱ दुकानदारों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि clipper28.com पूरी शिद्दत के साथ हमारी परेशानी को प्रशासन के संज्ञान में ला रहा है जिसके लिए हम सभी बैजनाथपारा के नागरिक साधुवाद ज्ञापित करते हैं।
बैजनाथपारा के व्यापारियों और रहवासियों का कहना है कि हम लोग भी रातभर चलने वाले धमाचौकड़ी से परेशान है। गुंडे बदमाशों के साथ पुलिस को भी नजराना पेश करना पड़ता है। जिन लोगों ने अपने घर के सामने दुकान खुलवाया है उन्हें तो रोज कमाई का हिस्सा तो देते ही हैं, ऊपर से गुंडे बदमाश एक की जगह दो-दो पैकेट पार्सल की डिमांड करते है।
साथ ही कमाई के हिस्से से रंगदारी टैक्स भी देना पड़ता है। रातभर दुकान खोलने के बाद यदि 5-10 हजार नहीं कमाया तो रात भर जगने का क्या लाभ। इसलिए जो ढर्रा चल रहा है उस पर हम लोग भी चल रहे है। पुलिस वाले मालवीय रोड से रात 11 बजते ही सायरन बजाते हुए पहुंच जाते है जिसका मतलब है कि उनके आने से पहले शटर गिरा दो और दो पैकेट उनके फरमाइशी बिरियानी लेकर खड़े हो जाओ्ं जैसे ही वो बैजनाथपारा को पार करे वैसे ही फिर शटर उठाकर दुकान पूरी तरह सजा लेते है क्योंकि पुलिस वाले अब दोबारा आएंगे नहीं।
क्योंकि उनका मनचाहा पार्सल मिल चुका होता है और रात भर दुकान खोलकर कमाई करते रहो। यहां पर रात में सायरन टैक्स के साथ गुंडे बदमाशों को भी रंगदारी टैक्स देना पड़ता है। गुंडे बदमाश किसी भी होटल में जबरदस्ती घुसकर बैठकर जाते है औऱ वही शराब, गांजा, चरस पीने लगते है, मना करने पर लड़ाई झगड़े पर उतारू हो जाते है, साथ ही उनके फरमाइशी बिरियानी मुफ्त में परोसनी पड़ती है।
यह सिलसिला चलते अब कई साल हो गए है। दुकानदारों को अब आदत सी हो गई है, रातभर दुकान खोलों और पुलिस औऱ गुंडे बदमाशों को मुफ्त की बिरियानी देकर अपने दुकान और अपनी सुरक्षा का बंदोबस्त कर लो।
हम भी चाहते है 11 बजे दुकान बंद हो
यहां पर होटल-दुकान चलाने वाले कारोबारियों औऱ रहवासियों का कहना है कि हम भी चाहते है सब कुछ समयानुसार चले पर यहां तो रात भर दुकान खोलने का सिस्टम लागू हो गया है। यदि हम 11 बजे दुकान बंद करने की बात करते है या सुझाव देते है तो दुश्मनी जैसा व्यवहार करने लगते है। इसलिए जब तक बैजनाथपारा में जब तक कारोबार करना है तो रसूखदार और नाड़ा पायजामा छाप नेताओ्ं के हिसाब से ही चलने दो उसमें ही भलाई है।
गंदगी से रहवासी परेशान
रात भर चलने वाले नाइट मार्केट की गंदगी से बैजनाथपारा के मूल निवासी हलाकान है। सुबह जब उठते है तो उनके घरों के सामने जूठी प्लेट, नाली के आसपास बिरियानी बिखरा पड़ा रहता है। दुकान दार रात में ग्राहकों को जो मटेरियल परोसते है वो आधा खाकर आधा वही छोड़ कर चले जाते है। मटन चिकन के अपशिष्ट पदार्थ रहवासियों के घरों के सामने फेंक दिया जाता है।
इस गंदगी के संबंध में नगर निगम औऱ पुलिस में कई बार रहवासियों ने लिखित औऱ मौैखिक शिकायत कर चुके है पर घरों के सामने से गंदगी की सफाई आज तक शुरू नहीं हुई है। जबकि नगर निगम दावा करती है कि रात में भी सड़कों की सफाई की जाती है। बैजनाथपारा में रात को सफाई कर्मी आते होंगे पर रसूखदार दुकानदार उन्हें ग्राहकी के समय साफ सपाई करने से मना कर देते है सफाई कर्मी में रस्मअदायगी वाली सफाई कर फोटो खींच कर अपने ठेकेदार को भेज देता है, औऱ जाते समय होटल वालों से एक दो पैकेट बिरियानी लेकर चलता बनता है।
बैजनाथपारा बना असामाजिक तत्वों का अड्डा
शहर भर से नामचीन गुंडे -बदमाश बैजनाथपारा पहुंच जाते है, सारे अपराधियों का बैजनाथपारा सुरक्षित ठिकाना बन गया है। पुलिस वाले भी बैजनाथपारा में गुंडे बदमाशोे को बैठे देख कर निकल जाते है। बैजनाथपारा में जितने भी होटल है जहां बैठक व्यवस्था है वहां गुंडे बदमाश बैठे देख सकते है।
शरीफ लोग इसलिए यहां आकर कुछ खाने से कतराते है। सभी होटलों में रात दो बजे तक गुंडे बदमाशों की आवाजाही मची रहती है। न चाहते हुए भी होचले वाले उन्हें जाने के लिए नहीं कहते। दुकानदार अच्छी तरह जानते है कि यदि उन्हें यहां से उठने के लिए कहेंगे तो तू-तू-मैं-मैं की नौबत आ जाएगी इसलिए रात के दो बजने का इंतजार करते है।