रायपुर: छत्तीसगढ़ ग्राम विकास एकता समिति की आवश्यक बैठक 24 जून 2024, दिन सोमवार को दोपहर एक बजे ग्राम माठ खरोरा के आहूत की गई थी, छत्तीसगढ़ ग्राम विकास एकता समिति, छत्तीसगढ़ किसान महासभा, आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एक्टू ), अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थिति हुए। जिसमें अडानी पावर प्लांट रायखेड़ा के जनसुनवाई पर समीक्षा किया गया, जिसमें जनप्रतिनिधियों के रूख की निंदा की गई।
सभी ने एक सुर में कहा कि कलेक्टर ने अडानी के पावर प्लांट की जनसुनवाई में पंचायती राज व्यवस्था और ग्रामसभा को नकार दिया, दलाल-बिचौलिया मेनेजमेंट को प्राथमिकता दिया गया है। साथ ही कहा की जनसुनवाई में स्थाननीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी के मिलीभगत को लेकर सभी ने आक्रोश व्यक्त किया। अडानी पावर प्लांट रायखेड़ा चिचोली की जनसुनवाई 22 तारीख को जनविरोध के बावजूद सफल मानना उपस्थित जनसमूह के साथ छलावा है कार्यों का बखान करते हुए समर्थन में बात रखने को ही जनसुनवाई में नब्बे फीसदी समर्थन कह कर स्थानीय जनता के विरोध को दरकिनार करते हुए पीठासीन द्वारा जनसुनवाई को सफल करार दिया गया। जिसे रद्द कर फिर से प्रभावित ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा कर समस्या हल किया जाना चाहिए।
विरोध में बात रखने वालों को मंच के करीब पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं रखा गया जिससे वे मंच के करीब पहुंच कर बात नहीं रख पाये कोई व्यवस्था न होना ही दर्शाता है कि कलेक्टर साहब कंपनी प्रबंधन के पक्ष में जनसुनवाई के नाम पर दिखावा करने आये थे। इस रवैए को हम जनविरोधी जनसुनवाई के रूप में लेते है और इसे रद्द करने की मांग करते हैं।
साथ ही साथ निम्न बिंदुओं पर भी इनका रवैया देखते हुए इस जनसुनवाई को रद्द नहीं किये जाने पर प्रभावित गांवों में हस्ताक्षर अभियान चलाकर पंच, सरपंच, जनपद और जिला सदस्य सहित विधायक, सांसद से लेकर संबंधित मंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया, जनहित में और पंचायती राज व्यवस्था के पालन करते हुए ग्रामसभा की बैठक कर जनहित में निर्णय नही लिए जाने की स्थिति में अडानी पावर प्लांट के गेट के सामने जनआंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।