रायपुर: छत्तीसगढ़ में कुछ दिन पहले हुए कैबिनेट मीटिंग में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को 43% महंगाई भत्ता (डीए) और गृह भाड़ा (एचआरए) दिए जाने की घोषणा की गई है। जबकि दूसरे विभाग के कर्मचारियों को इससे कम महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा दिया जा रहा है जिसकी वजह से सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी गुस्से में है तथा केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 43 प्रतिशत महंगाई भत्ता और भाड़ा की मांग करने के लिए हड़ताल पर बैठ रहे हैं।
अधिकारियों द्वारा इस हड़ताल को “कलमबंद कामबंद” नाम दिया गया है। जिसमें सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आज दिन सोमवार 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय हड़ताल पर बैठेंगे। 29 जुलाई के बाद शनिवार है यानी कि 2 दिन का और अवकाश होगा। इस कलमबंद कामबंद हड़ताल की वजह से स्कूल और कॉलेज भी प्रभावित होंगे सरकारी कामों में व स्कूल कॉलेज के कामों में भी अवरोध उत्पन्न होगा। इस हड़ताल को देखते हुए भिलाई के एक तकनीकी विश्वविद्यालय में अपने परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
इस हड़ताल का प्रभाव सभी सरकारी कार्यों और स्कूल कॉलेज के कार्यों में दिखने लगा है हड़ताल की कुछ दिन पहले से ही कामों पर इस हड़ताल का प्रभाव दिखने लगा था। 28 July को छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हरेली त्यौहार पर सभी स्कूलों में गेड़ी डे मनाया जाना हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा यह गेड़ी डे मनाने की बात रखी गई थी। इस दिन स्कूलों में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताएं और गेड़ी प्रतियोगिता आयोजन होनी थी, इस हड़ताल का प्रभाव 28 जुलाई के प्रोग्राम पर भी पड़ सकता है।
इस हड़ताल का आह्वान कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने किया है। दावा है कि फेडरेशन में 75 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी संगठन शामिल हैं। इसमें स्कूल-कालेज भी शामिल हैं।फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा व महासचिव आरके रिछारिया ने इस हड़ताल के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है। वर्मा ने बताया कि इन मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। इससे पहले चरणबद्ध आंदोलन के बाद भी सरकार पूरी तरह उदासीन बनी हुई है। इसके कारण विवश होकर हड़ताल का फैसला लेना पड़ा है।