नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) की चुनाव कानून संशोधन अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस के नेता सुरजेवाला को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की नसीहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला से कहा कि इस मामले की सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में ही होगी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई करने से इनकार किए जाने के बाद रणदीप सुरजेवाला ने अपनी याचिका को वापस ले लिया.
बता दें कि कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में मतदाता कार्ड को आधार से लिंक किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मतदाता कार्ड को आधार से लिंक कराने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बीते 19 जून को अधिसूचना जारी की गई थी. सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार की ओर से चुनाव कानून संशोधन अधिनियम के तहत मतदाता कार्ड को आधार से लिंक कराने के खिलाफ याचिका दायर की थी. उनकी इस याचिका पर सुनवाई करने से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार की अधिसूचना के विरोध में आरोप लगाते हुए लिखा कि इलेक्ट्रॉनिक मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक कराने के बाद मतदाताओं के निजता का हनन होगा, जो उनका मौलिक अधिकार है. रणदीप सुरजेवाला ने अपनी याचिका में मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक कराने के मामले को असंवैधानिक करार दिया था. अपनी याचिका में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि मतदाताओं की निजी जानकारी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पास रहेगी. इसके बाद मतदाताओं को अपनी पहचान साबित करने के लिए निर्वाचन अधिकारी के सामने आधार का विवरण देना अनिवार्य हो जाएगा.
मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक कराने के लिए सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना का पूरा विपक्ष ही विरोध कर रहा है. देश में कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक कराने के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. इस मामले में विपक्ष के नेताओं का कहना है कि इस सिस्टम में कई प्रकार की कमियां मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक कराने पर मतदाताओं को नुकसान होगा.