नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. आजम खान की यह याचिका अयोग्यता के मामले में है. मालूम हो कि आजम खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता से भी अयोग्य ठहराया गया था.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की खंडपीठ ने यूपी के अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद को खान की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा. पीठ ने प्रसाद से उनकी याचिका को निर्वाचन आयोग के स्थायी अधिवक्ता तक भी पहुंचाने के लिए कहा. अदालत ने प्रसाद से कहा, ‘उन्हें अयोग्य ठहराने की क्या जल्दी थी? आपको कम से कम उन्हें कुछ मोहलत देनी चाहिए थी.’
शिव महापुराण में ट्रैफिक व्यवस्था सुनिश्चित करने व्यापारी संघ एवं पुलिस प्रशासन की बैठक
जवाब में गरिमा प्रसाद ने कहा कि अयोग्य ठहराना शीर्ष अदालत के उस निर्देश के अनुरूप है जिसे उसने अपने एक फैसले में दिया था. आजम खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी विधायक विक्रम सैनी को भी 11 अक्टूबर को दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा दी गई थी, लेकिन उनकी अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया.
चिदंबरम ने कहा कि इस मामले में तात्कालिकता यह है कि रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव के ऐलान को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग 10 नवंबर को गजट अधिसूचना जारी करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि सत्र न्यायालय के न्यायाधीश कुछ दिनों के लिए अवकाश पर हैं और इलाहाबाद उच्च न्यायालय बंद है, इसलिए खान खुद को दोषी ठहराये जाने और सजा के खिलाफ वहां नहीं जा सके. पीठ ने प्रसाद से पूछा कि खतौली विधानसभा सीट के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
मध्यप्रदेश में बड़ा हादसा : स्कूली बच्चों से भरी कार और बस की सीधी टक्कर, एक छात्रा और कार ड्राइवर की मौत
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 नवंबर की तारीख तय की और प्रसाद से कहा कि वह निर्देश प्राप्त कर अपना जवाब दाखिल करें. गत 27 अक्टूबर को खान को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराया गया था और रामपुर अदालत ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी.
रामपुर स्थित एमपी-एमएलए (सांसद-विधायक) अदालत ने वर्ष 2019 के मामले में विधायक को जमानत भी दे दी. गत 28 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने खान को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने का ऐलान किया था. उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव ने कहा था कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया है.








