नई दिल्ली : देश की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं राष्ट्रीय गौरव, वीरता के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए आज 15 नवम्बर को प्रदेश में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया गया।
एकलव्य विद्यालय के बच्चों ने जनजातीय एवं देशभक्ति लोकगीत पर आधारित समूह गान और जनजातीय लोक नृत्य पर आधारित समूह नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के निर्देशानुसार विभाग के सचिव डी.डी. सिंह एवं आयुक्त शम्मी आबिदी सभी कार्यक्रमों की मानिटरिंग कर रही हैं।
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आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों और जिलों के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास को 15 से 22 नवम्बर तक ‘जनजातीय गौरव दिवस’ को उत्सव के रूप में मनाने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अंतर्गत जिले में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रतिदिन 15 से 22 नवम्बर तक विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें जनजातीय एवं देशभक्ति लोकगीतों पर आधारित समूह गान,
समूह नृत्य, जनजातीय लोकगीत पर आधारित जनजातीय वाद्य यंत्र, जनजाति लोक नृत्य पर आधारित एकल गीत, एकल नृत्य, तात्कालिक चित्रकला, प्रदर्शन, जनजातीय जीवन पर आधारित प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ के जनजातीय संघर्ष के महानायकों के जीवन पर आधारित नाटक, छत्तीसगढ़ के जनजातीय बलिदान के महानायक युवाओं के प्रेरणास्रोत पर आधारित भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, विद्यार्थियों द्वारा शहीदों पर रचित देशभक्ति काव्य पाठ, जनजातीय क्षेत्रों में जनजाति लोक महत्व पर आधारित पारंपरिक कहानी पाठ, देश के स्वतंत्रता संघर्ष से संबंधित क्विज प्रश्नोत्तरी एवं प्रतिदिन विद्यालय परिसर में स्वच्छता जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है।