रायपुर, 26 फरवरी 2024 : धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर राजिम कुंभ कल्प 2024 मेला में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं के उत्तम स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा मेला स्थल में गरियाबंद, रायपुर और धमतरी जिले द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है। मेला स्थल में 10-10 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है।
इन अस्पतालों में 24 घंटे डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टॉफ और लैब टेक्नीशियन पदस्थ किए गए हैं। जिससे लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और इलाज की सुविधाएं मिल रही है। साथ ही जरूरतमंदों को आवश्यकतानुसार दवाइयों का भी वितरण किया जा रहा है।
मेडिकल कैंप में पहुंचने वाले मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार पर्याप्त ईलाज देने की संपूर्ण व्यवस्था है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक अस्थायी अस्पताल में पैथोलॉजी लैब सहित ऑक्सीजन सिलेण्डर, इसीजी की व्यवस्था की गई है। ताकि आपालकालीन स्थिति में भी मरीज को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया जा सके।
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अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक कोई भी इमरजेंसी मामले नहीं आए हैं। अगर कोई इमरजेंसी आती है, तो हम उसके लिए तैयार हैं। प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल मरीज की स्थिति को देखते हुए निकटतम अस्पताल में एंबुलेंस द्वारा पहुंचाने की पर्यप्त व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। अभी सिर्फ मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या दर्ज हुई है।
उन्हें उनके मर्ज के हिसाब से उनको निःशुल्क दवाईयां दी जा रही है तथा स्वास्थ्य परीक्षण कर उचित सलाह और दवाईयां दी जा रही है। अस्थायी अस्पताल में पैथोलॉजी लैब की पर्याप्त व्यवस्था है, जिसमें रक्त परीक्षण सहित इसीजी, बीपी, शूगर, हिमोग्लोबिन आदि की निःशुल्क जांच की जा रही है।
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राजिम कुंभ मेला स्थल में आयुर्वेदिक अस्पतालों की भी अस्थायी व्यवस्था की गई है, जहां पर दिन रात डॉक्टर मरीज के उपचार के लिए तैनात हैं और उन्हें आयुर्वेदिक चिकित्सा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। डॉ. शिवानी बंजारे ने बताया कि हमारे पास आने वाले मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार उपचार किया जा रहा है।
ज्यादा गंभीर मरीज को निकट के अस्पताल में उपचार हेतु भेजने की व्यवस्था है। राजिम कुंभ मेले में आयुर्वेदिक चिकित्सा केन्द्र के खोले जाने से लोगों के बीच में आयुर्वेदिक इलाज के प्रति काफी रूझान देखने को मिला है। मेला आने वाले एलोपैथिक इलाज से पहले आयुर्वेदिक दवाईयां लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, जो आयुर्वेद के प्रति अच्छा संकेत है।