नई दिल्ली : लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान के 75 साल के उपलक्ष्य में संबोधन दे रहे हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने भी संविधान पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी।
पीएम मोदी के भाषण के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
पीएम ने सदन के सामने 11 संकल्प रखे। पहला संकल्प नागरिक और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे। दूसरा संकल्प हर क्षेत्र और समाज को विकास का लाभ मिले। तीसरा संकल्प भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो। भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो। चौथा संकल्प देश के कानून, नियम और परंपरा के पालन में देश के नागरिक में गर्व का भाव हो। पांचवां संकल्प गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो। छठवां संकल्प देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले। सातवां संकल्प संविधान का सम्मान हो।
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राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए। आठवां संकल्प आरक्षण न छीना जाए। धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे। नौवां संकल्प वीमेन लेड डवलपमेंट में भारत दुनिया के लिए मिसाल बने। दसवां संकल्प राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास हो। 11 वां संकल्प एक भारत श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो। इसी संकल्प के साथ हम मिलकर आगे बढ़ते हैं तो संविधान की भावना पूरी होगी। देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो विकसित भारत के साथ मनाएगा।
पीएम ने कहा कि संविधान भेदभाव की अनुमति नहीं देता है। हर लाभार्थी को हम योजना का पूरा लाभ दे रहे हैं। जिसका हक है हम उसे पूरा हक दे रहे हैं। सामाजिक न्याय को लेकर हम जी रहे हैं। पीएम ने कहा कि कुछ दलों का राजनीतिक स्वार्थ और सत्ता का भाव रखने वालों से मैं कुछ पूछना चाहता हूं। देश में योग्य नेतृत्व को अवसर मिलना चाहिए या नहीं? क्या लोकतंत्र को परिवारवाद ने नुकसान पहुंचाया है? युवा राजनीति में आगे आएं इसके लिए हर राजनीतिक दल प्रयास करे। एक लाख नौजवानों को राजनीति में लाना है। अगर हम मौलिक कर्तव्यों का पालन करें तो कोई हमें विकसित भारत बनाने से नहीं रोक सकता।
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पीएम ने कहा कि बड़ी-बड़ी कथाएं सुनाने वालों ने आजादी के कई दशक के बाद भी आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय नहीं बनाया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में यह काम किया गया। मछुआरों, सहकारिता के लिए हमने काम किया। अलग मंत्रालय बनाया। अलग कौशल मंत्रालय बनाया। ताकि युवा तैयार हों। पूर्वाेत्तर के विकास के लिए हम काम कर रहे हैं। हमने लैंड रिकॉर्ड के लिए स्वामित्व योजना बनाई। पिछले 10 वर्ष में हमने गरीब को मजबूती दी, उसमें आत्मविश्वास पैदा किया। आज 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को हराया है। मैं संविधान के तहत काम कर रहा हूं।
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि जिनको कोई नहीं पूछता, उनको मोदी पूजता है। हमने दिव्यांगों की चिंता की। हमने दिव्यांगों के लिए कॉमन साइन भाषा बनाई। घूमंतू लोगो को बॉन्ड दिए। रेहड़ी-पटरी वालों को हमने स्वनिधि योजना से लोन दिया। विश्वकर्मा कल्याण के लिए योजना बनाई। ट्रांसजेंडर के अधिकारों के लिए हमने काम किया। आदिवासी समाज के लिए हम पीएम जनमन योजना लाए। मोदी आखिरी को भी पूजता है। देश में 60 साल में 100 बैकवर्ड जिले घोषित किए गए थे। हमने इसे बदला। हमने पांच सौ ब्लॉक को बदला है।
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यहां जुमले की बहुत बातें होती हैं। इस देश का सबसे बड़ा जुमला था- गरीबी हटाओ। यह इतना बड़ा जुमला था कि गरीबी की बातें तो होती थीं, लेकिन उनके लिए कांग्रेस को एक टॉयलेट बनाने की फुरसत नहीं थी। हमने इस काम को हाथ में लिया और पूरा किया। उसका मजाक उड़ाया गया, लेकिन लोगों की गरिमा के लिए उस काम में हम डिगे नहीं। इसलिए वो काम पूरा हो रहा है। इस देश की जनता पीने के साफ पानी के लिए परेशान रही। ये काम भी हमने समर्पण भाव से आगे बढ़ाया है। हमने महिलाओं को धुएं से मुक्ति देकर सिलिंडर दिए। हम मुफ्त राशन दे रहे हैं। उसका मजाक न उड़ाएं। हम गरीबी से लोगों को बाहर ला रहे हैं। गरीब ने बैंक का दरवाजा नहीं देखा था। हमने उनके बैंक खाते खुलवाए।
2014 के बाद एनडीए ने संविधान को मजबूत किया। पुरानी बीमारियों से हमने मुक्ति का अभियान चलाया। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किए। ओबीसी के लिए सम्मान के लिए हमने संविधान संशोधन किया। समाज के दबे, कुचले लोगों के साथ खड़े होना हमारा कर्तव्य है। हमने सामान्य जन को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। हमने महिलाओं को शक्ति दी। हमने देश की एकता के लिए संविधान संशोधन किया। हमने डंके की चोट पर धारा 370 को हटाया। हमने सीएए लाया। हमने जो किया उस पर हमें गर्व है।
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पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में लोगों के नाम ढूंढने वालों को मैं बता दूं कि कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी जो अति पिछड़े समाज से आते थे, उनका अपमान किया गया। उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया। फुटपाथ पर फेंका गया। पूरी कांग्रेस पर एक परिवार ने कब्जा कर लिया। लोकतंत्र को नकार दिया। संविधान के साथ खिलवाड़ करता कांग्रेस की रगों में रहा है। हमारे लिए संविधान कर पवित्रता और शुचिता सर्वोपरि है।
हमने 13 दिन सरकार चलाई। सरकारों को अस्थिर करने के लिए खेल खेले गए। सरकार बचाने के लिए वोट खरीदे गए। 90 के दशक में कई सांसदों को रिश्वत देने का पाप किया गया। कांग्रेस के लिए सत्ता सुख, सत्ता की भूख यही उसका इतिहास और वर्तमान है।
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पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सभा में समान नागरिक संहिता को लेकर गहन चर्चा की गई थी। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि धार्मिक आधार पर बने पर्सनल लॉ को खत्म करने की जरूरत है। मुंशी जी ने तब कहा था कि समान नागरिक संहिता देश की एकता अनिवार्य है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यूसीसी लाने की बात कही है। हम इसे लागू करने के लिए पूरी ताकत से लगे हैं। कांग्रेस के लोग संविधान निर्माताओं की भावना का अनादर कर रहे हैं। उनके लिए संविधान राजनीति का हथियार है।
पीएम ने कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी के संविधान को स्वीकार नहीं किया है। इनकी शुरुआत ही गड़बड़ हुई है। 12 कांग्रेस की प्रदेश की कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरु जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, खुद के ही संविधान को नहीं माना। इसलिए सरदार जी प्रधानमंत्री नहीं बने और ये बैठ गए। जो लोग अपनी ही पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वे देश के संविधान को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।