काठमांडू: युद्ध प्रभावित इजराइल से बचाए गए 254 नेपाली छात्रों का एक समूह विदेश मंत्री एन पी सऊद के नेतृत्व में शुक्रवार को काठमांडू पहुंच गया। इजराइल के बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से बृहस्पतिवार को उड़ान भरने वाला नेपाल एयरलाइंस का एक विमान दुबई रुकने के बाद आज सुबह यहां त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।
विदेश मंत्री सऊद ने हवाई अड्डे पर उतरने के बाद संवाददताओं से कहा कि स्वदेश लौटने के लिए अनुरोध करने वाले अन्य नेपाली नगारिकों को भी जल्द वापस लाया जाएगा। मंत्री ने बताया तेल अवीव में नेपाल के दूतावास ने स्वदेश लौटने और सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने के इच्छुक नागरिकों से आवेदन मांगे थे, इसके बदले में 557 नेपालियों ने अपना विवरण दिया।
‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार ने मंत्री के हवाले से कहा, ‘‘557 नेपालियों में से 503 ने स्वदेश लौटने के लिए आवेदन किया था और उनमें से 254 आज हमारे साथ घर लौट आए हैं।’’ मंत्री सऊद ने यह भी बताया कि जिन 54 नेपालियों ने जोखिम वाले क्षेत्रों से स्थानांतरित होने का अनुरोध किया था, उन्हें इजराइल में सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
फलस्तीन चरमपंथी समूह हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल में हवाई हमले किए, जिसमें 10 नेपाली छात्र मारे गए थे। छह छात्रों को बचा लिया गया और एक लापता है। सऊद ने कहा, ‘‘हमलों के बाद लापता हुए बिपिन जोशी की तलाश जारी है। जैसे ही हमें इस बारे में अतिरिक्त जानकारी मिलेगी, हम साझा करेंगे।’’
उन्होंने बताया, ‘‘इजराइल की ओर से कहा गया है कि शवों को सौंपने में कुछ समय लगेगा क्योंकि कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना और प्रत्येक मृतक का विवरण अलग-अलग रखना आवश्यक है और इजराइल में शवों की संख्या काफी अधिक है।’’
उन्होंने मृतकों के परिजनों और रिश्तेदारों से धैर्य रखने का अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, नेपाल के 265 छात्र इजराइली सरकार की ‘सीखो और कमाओ’ योजना के तहत, इजराइल के विभिन्न हिस्सों में पढ़ रहे थे और लगभग 4,500 नेपाली नागरिक विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।