पुणे: पुणे शहर में मूसलाधार बारिश के बाद सिंहगड रोड और नदी तट से सटे अन्य इलाकों में बाढ़ आने के बाद बृहस्पतिवार को करीब 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने बताया कि सेना की दो टुकड़ियों को बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित सिंहगड रोड पर तैनात किया गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और दमकल के दलों के साथ-साथ जिला और नगर आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के र्किमयों को भी राहत अभियान में लगाया गया है। सिंहगड रोड के निचले इलाकों में स्थित कई हाउंिसग सोसाइटी और घरों में पानी घुस गया। कारें और दोपहिया वाहन पानी में डूब गए।
जिला कलेक्टर सुहास दिवसे ने कहा, सिंहगड रोड से अबतक 400 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) के अधिकारियों ने बताया कि सेना के कर्मी सिंहगड रोड में एकता नगर में राहत अभियान में मदद कर रहे हैं।
कलेक्टर ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पुणे जिले के वास्ते अगले 48 घंटे के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और खडकवासला और अन्य बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश होने का अंदेशा है तथा खडकवासला जलाशय से अधिक पानी छोड़े जाने के आसार हैं।
पुणे जिले में झरने और झील जैसे पर्यटन स्थल सैलानियों के लिए बंद कर दिए गए हैं। दिवासे ने कहा कि ऐसी कोई सूचना नहीं है कि भारी बारिश की वजह से किसी गांव का संपर्क टूट गया हो। उन्होंने बताया कि स्कूल के अलावा निजी प्रतिष्ठानों और कार्यालयों से कहा गया है कि वे र्किमयों को एक दिन की छुट्टी दें।
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्रियों अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई, ठाणे और पुणे शहरों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। पवार ने मुंबई स्थित सरकार के मुख्यालय ‘मंत्रालय’ में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग का दौरा किया और प्रभावित शहरों के अधिकारियों को सभी आवश्यक संसाधन जुटाने तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।
वहीं, फडणवीस को पुणे में एनडीआरएफ के दो दलों की तैनाती और एकता नगर के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए 11 नावों के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई। दोनों नेताओं ने एक सार्वजनिक अपील भी जारी की, जिसमें लोगों से अनावश्यक रूप से घरों से बाहर निकलने से बचने और शांत रहने का आग्रह किया गया है।