जशपुर: भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम के द्वारा अपनी पुत्री के नाम पहाड़ी कोरवा का जमीन रजिस्ट्री कराये जाने मामले में राज्य के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि मामले में निष्पक्ष कार्यवाही किया जाए, पीड़ित परिवार इस वक्त दहशत के साये में जीवन यापन कर रहा है।
पीड़ित परिवार की मांग और शिकायत पर अभी तक जांच शुरू नहीं होने पर मंत्री अमरजीत भगत ने गहरा दुःख व्यक्त किया है और साथ ही नेताम को यह भी नसीहत देते हुए कहा की वह जमीन कोरवा परिवार को वापस कर एक उदाहरण प्रस्तुत करे, भाजपा के कथनी और करनी में अंतर है जो इस मामले में स्पष्ट रूप से प्रमाणित भी हो रहा है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के खाद्य व संस्कृति मंत्री एक दिवसीय प्रवास पर बगीचा पंहुचे जहां उन्होंने भागवत कथा में भाग लिया।इस दौरान पत्रकारों द्वारा पहाड़ी कोरवा की जमीन बीजेपी नेता रामविचार नेताम की बेटी के नाम रजिस्ट्री कराए जाने के सवाल पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब उनके बेटे ने कोरवा की जमीन खरीदी थी तो बीजेपी वालों ने आपत्ति करते हुए इसपर राजनीति की थी।
जिसके बाद विवाद को देखते हुए उन्होंने जमीन वापस करा दी थी। बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है।उन्होंने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि जमीन वापस कराकर उन्हें भी उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जिले के बगीचा पाठ क्षेत्र में रामविचार नेताम की बेटी के नाम लगभग 13 एकड़ भूमि पहाड़ी कोरवाओं से रजिस्ट्री करा ली गई है।जिसको लेकर पीड़ित के परिवार वालों ने प्रशासन से गुहार लगाते हुए जमीन वापसी की मांग भी की है।अब तक जिला प्रशासन ने उक्त मामले में जांच कार्यवाही नहीं की है।
इधर पीड़ित परिवार को जमीन दलाल लगातार धमकी चमकी कर रहे हैं जिसके कारण वे दहशत में जीने को मजबूर हैं।अपने को कोरवाओं की हितैषी बताने वाली बीजेपी अब तक अपने पार्टी के नेता के इस कृत्य पर खामोश बनी हुई है।
वहीं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने बीजेपी पर सीधा आरोप लगाते हुए उन्हें झूठा बताया है और कहा कि वोट के लिए बस ये राजनीति करते हैं। बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है।