नई दिल्ली: पतंजलि की दिव्य फार्मेसी कंपनी को बड़ा झटका लगा है. कंपनी के 15 प्रोडक्ट्स पर राज्य की लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगा दिया है. इसमें दिव्य फार्मेसी की खांसी की दवा से लेकर कई तरह की टैबलेट शामिल हैं. दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर भ्रामक विज्ञापन मामले में बैन लगाया गया है. दरअसल, आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक प्रचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि पर एक बड़ी कार्रवाई की है.
राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पतंजलि के 14 उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा दायर कर दी गई है.
दिव्य फार्मेसी बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स का निर्माण करती है. 29 अप्रैल को राज्य के लाइसेंस ऑथोरिटी ने बाबा रामदेव की फर्म को खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्राप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 15 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है.
लाइसेंस ऑथोरिटी ने क्या कहा?
लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगाते हुए कहा कि 10 अप्रैल, 2024 को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर दिव्य फार्मेसी तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किए गए भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में कृत कार्यवाही से माननीय उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया गया था, जिससे जुड़ी ये कार्रवाई की गई है.
आदेश में अधिकारियों ने ब्लड प्रेशर, मधुमेह, गोइटर, ग्लूकोमा और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बीपीग्रिट, मधुग्रिट, थायरोग्रिट, लिपिडॉम टैबलेट और आईग्रिट गोल्ड टैबलेट पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इन प्रोडक्ट्स का लाइसेंस सस्पेंड
आदेश के अनुसार, दिव्य फार्मेसी के जिन उत्पादों के मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस संस्पेंड किए गए हैं, उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप, आईग्रिट गोल्ड और मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर शामिल हैं.