नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट से व्हाट्सएप (WhatsApp) और फेसबुक (Facebook) को तगड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने व्हाट्सएप और फेसबुक के खिलाफ सीसीआई जांच को रोकने से इनकार कर दिया है. व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर CCI यानि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच जारी रहेगी.
न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को व्हाट्सएप और फेसबुक द्वारा दायर दोनों अपीलों को खारिज करते हुए सीसीआई द्वारा मैसेजिंग ऐप को जारी नोटिस पर दी गई रोक को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया. पीठ ने कहा कि उनकी अपील में कोई दम नहीं है. पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 25 जुलाई 2022 को आदेश सुरक्षित रखा था.
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फेसबुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि क्योंकि फेसबुक व्हाट्सएप का औपचारिक मालिक है और कहा जाता है कि प्लेटफॉर्म फेसबुक (मूल कंपनी) के साथ अपना डेटा साझा करता है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह जांच के लिए एक आवश्यक पार्टी है.
फेसबुक के खिलाफ सीसीआई जांच का विरोध करते हुए रोहतगी ने आगे तर्क दिया कि व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति की जांच करते समय इसकी जांच करने के लिए सीसीआई के पास कोई प्रथम दृष्टया सामग्री उपलब्ध नहीं है. मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को व्हाट्सएप और फेसबुक (अब मेटा) द्वारा एकल न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने पिछले साल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई – कंपीटीशन कमीशन ऑफ इंडिया) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
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इंटरनेट कंपनियों की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को चुनौती देने वाली व्हाट्सएप और फेसबुक की याचिकाओं को खारिज करते हुए, मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा कि अपीलें ‘किसी भी योग्यता से रहित’ थीं और अदालत के पहले के आदेश को बरकरार रखा.
विस्तृत आदेश बाद में उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है. 2021 में, अदालत ने सीसीआई द्वारा जारी एक नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें व्हाट्सएप को इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की नई अपडेटेड प्राइवेसी पॉलिसी पर मार्च में आदेशित जांच के संबंध में कुछ जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था.
22 जुलाई को पिछली सुनवाई में, मेटा (पूर्व में फेसबुक) ने लेटेस्ट व्हाट्सएप प्राइवेसी पॉलिसी की सीसीआई जांच का विरोध करते हुए हाईकोर्ट को बताया था कि सीसीआई केवल इस मामले की जांच नहीं कर सकता है क्योंकि यह इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का मालिक है. सुनवाई के दौरान, मेटा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि दोनों प्लेटफॉर्म अलग-अलग संस्थाएं हैं, यह प्रस्तुत करते हुए कि फेसबुक ने 2014 में व्हाट्सएप का अधिग्रहण किया था.