सबरीमला: केरल के सबरीमला में स्थित भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध मंदिर में बुधवार दोपहर को हजारों लोगों ने मंगलकारी ‘मंडला पूजा’ में हिस्सा लिया। श्रद्धालुओं की भीड़ मंडला पूजा की एक झलक पाने के लिए इंतजार करती दिखी। यह भगवान अयप्पा मंदिर में दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले चरण (41 दिवसीय) के समापन का प्रतीक है।
मंदिर परिसर (सन्निधानम) में अपने सिर पर ‘इरुन्मुदिकेट्टू’ की पवित्र पोटली लिए और ‘‘स्वामी शरणम अयप्पा’’ मंत्र का जाप कर रहे श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं।
भगवान अयप्पा की प्रतिमा का श्रृंगार करने के बाद मंडला पूजा की गई। भगवान अयप्पा की पवित्र ‘थंका अंकी’ (सुनहरी पोशाक) के साथ एक शोभायात्रा मंगलवार शाम को यहां पहाड़ी मंदिर पहुंची थी।
मंदिर प्रशासन ने कहा कि मंदिर के तंत्री (मुख्य पुजारी) के. महेश मोहनारू की अगुवाई में अनुष्ठान किए गए, जिन्होंने प्रतिमा को पवित्र पोशाक से सजाया। मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि इस अवसर पर कई विशेष अनुष्ठान किए गए।
केरल और बाहर से आए हजारों तीर्थयात्रियों के अलावा त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) के प्रमुख अधिकारी भी समारोह आयोजित होने के समय गर्भगृह के सामने मौजूद थे। मंदिर को ‘मंडला पूजा’ के तुरंत बाद बंद कर दिया गया और इसे भक्तों द्वारा पूजा करने के लिए शाम को फिर से खोल दिया जाएगा, लेकिन रात में फिर बंद कर दिया जाएगा। बाद में मंदिर तीन दिन के लिए बंद रहेगा और 30 दिसंबर को ‘मकरविलक्कू’ अनुष्ठान के लिए फिर से खोला जाएगा।
टीडीबी सूत्रों ने बताया कि दो महीने तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा के समापन पर 15 जनवरी को ‘मकरविलक्कू’ अनुष्ठान अयप्पा मंदिर में आयोजित किया जाएगा।