रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भगवान भोरमदेव के दर्शन के लिए कवर्धा रवाना हुए। सावन के पवित्र सोमवार भगवान शिव का अभिषेक और पूजन करेंगे। शिव भक्त कावड़ियों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत करेंगे। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी साथ में रवाना हुए।
भोरमदेव और बूढ़ा महादेव की महत्ता
भोरमदेव मंदिर और कवर्धा का बूढ़ा महादेव मंदिर छत्तीसगढ़ में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। भोरमदेव मंदिर अपनी प्राचीनता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, जिसे छत्तीसगढ़ का “खजुराहो” भी कहा जाता है। यहाँ श्रावण मास में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। बूढ़ा महादेव मंदिर भी अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में हर वर्ष श्रावण मास के दौरान हजारों शिव भक्त अपने कावड़ में नर्मदा जल लाकर अभिषेक करते हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के भोरमदेव और कवर्धा दौरे के दौरान सुरक्षा और आयोजन की विशेष तैयारियाँ की गई हैं। पुलिस प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सभी आवश्यक इंतजाम करें ताकि कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से हो सके। हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।
इसके साथ ही, शिव भक्तों के लिए भी उचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर सकें।
छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक क्षण
यह आयोजन छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित होगा। पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं कावड़ियों पर पुष्प वर्षा करेंगे, जिससे श्रद्धालुओं का उत्साह और भी बढ़ेगा। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की धार्मिक परंपराओं और संस्कृति को और भी सशक्त बनाएगा।