रायपुर: पूरे देश भर में इस वक्त आगे आने वाले दिनों में होने वाले आम चुनाव को लेकर तैयारीयां चाक चौबंद कर ली गई है! इस बीच देश के सियासी सरजमीं पर मौजूद तमाम तरह के गुरबती और बेबसी के शिकार सभी विपक्षी राजनीतिक दल और चुनावी बांड के जरिए मालामाल भाजपा की गांरटी स्कीम लागू करने वाली मोदी सरकार आमने-सामने आ चुकी है!
एक ओर जहां मोदी सरकार अपनी तमाम तरह की उपलब्धियों को जनता के सामने रखकर अपने लिए चार सौ पार की आंकड़ा को चुनावी लक्ष्य मानकर मतदाताओं से अपने पक्ष में वोट डालने की बात कह रही हैं,तो वंही दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में शामिल सभी मुख्य विपक्षी राजनीतिक दल मोदी सरकार के गलत जन विरोधी नीतियों को जनता के सामने रखते हुए आगे आने वाले दिनों के दौरान होने वाले आम चुनाव में मोदी की नैय्या को चार सौ पार करवाने की जगह दिल्ली की सत्ता से उखाड़ फेंकने हेतू अपील करते हुए दिखाई दे रही हैं!
यह सर्व विदित है कि नरेंद्र मोदी सरकार देश की सत्ता पर अपने दमदार प्रदर्शन के बदौलत विगत दस वर्षों से काबिज है! निश्चित रूप से इसके लिए केन्द्र में स्थित भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश की जमीनी धरातल पर पसीना बहाया होगा,तब जाकर तीसरे बार भी भाजपा जीत का दावा वर्तमान लोकसभा चुनाव में करते हुए दिखाई दे रही है!
इसमें कोई दो संदेह नहीं होना चाहिए कि देश की सियासी सरजमीं पर मोदी सरकार ने अनेक जनहित कल्याणकारी योजनाओं के जरिए आम नागरिकों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास किया है,लेकिन इस प्रयास के दरमियान एक भी चूक नहीं हुआ हो ऐसा संभव नहीं लगता है,क्योंकि सत्ता मनुष्य ही चलता है और मनुष्य से कोई ग़लती न हो ऐसा संभव नहीं माना जाता है!
बहरहाल वर्तमान परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार अपनी तीसरी पारी के लिए लगभग तैयार खड़ी नजर आ रही है, लेकिन लगातार एक ही राजनीतिक दल को केन्द्र की सत्ता पर बिठाना,क्या यह एक स्वच्छ लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निशानी हो सकती है? निश्चित रूप से यह एक गंभीर सवाल है और इस पर गंभीरता से चिंतन होना चाहिए!
आखिरकार हमारे बड़े बुजुर्गो ने जो सत्ता के विषय में हम सभी को सिखाया है कि सत्ता और रोटी को दोनो तरफ से सेंक कर ही इस्तेमाल करना चाहिए,क्या उस हिसाब से हम दोनो तरफ से सत्ता और रोटी को सेंक कर खाने लायक बनाने में सफल हो पा रहे हैं? क्या भाजपा की सरकार ने सच में देश की सियासी सरजमीं पर गांव, गरीब, मजदूर, व्यवसायी, किसान बेरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पानी, रोटी कपड़ा और मकान के लिए इतना बढ़िया काम किया है,जिसके चलते देश के मतदाता उन्हें लगातार तीसरी बार देश की सत्ता सौंप दे ? देश की सियासी सरजमीं पर छाई चुनावी समर के दौरान भाजपा की सरकार इन दिनों चुनावी माहौल के बिच लगातार ये गांरटी वो गांरटी की बात कह रही है। जिसमें महिलाओं, बेटियो और आदीवासीयो की सुरक्षा की गारंटी भी शामिल हैं।
बतौर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग में चुनावी सभा को भाजपा उम्मीदवारो के पक्ष में संबोधित करेंगे! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस सभा में बस्तर की लाल भूमि पर निवास करने वाले आदिवासी और महिलाएं बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति प्रदान करते हुए दिखाई देंगे! इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर उन्हें सुरक्षा की गारंटी पर भरोसा देते हुए दिखाई दे सकते हैं, हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी बस्तर की लाल धरती पर कंहा तक फलीभूत होती है यह उत्तर बस्तर के आदिवासियों और महिलाओं को भंलिभांती पता है!
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव 2019 में बस्तर के आदिवासियों और महिलाओं से उनकी सुरक्षा की गारंटी पर दावा ठोक कर बस्तर के असंख्य मतदाताओं से झोली भर भर कर वोट हासिल कर चुके है, लेकिन हकीकत के धरातल पर जो मंजर मौजूद हैं उसकी बानगी बस महज इतना सा भर है कि नरसो बाई बरसों से लापता है और लापता जिसके वजह से है वह भाजपा का उम्मीदवार है! बांकी आप स्वंय समझदार है….